यह बस एक भ्रम है

जीवन का सच समझ लिया है मैंने यह बस एक भ्रम है इसके सिवा कुछ भी नहीं हम इसे पकड़े है दोनों हाथों से फिर भी कहां पकड़ पाते हैं एक झटके में सपने टूटते जाते हैं अपने छूट जाते हैं भ्रम में भटकते माया में उलझते सत्य से विमुख हो जाते हैं जन्म से लेकर मृत्यु तक रचे इस मायाजाल में उलझे किसी बेबस जीव सम मुक्ति की तलाश में फड़फड़ाते हम और उलझते जाते हैं यह उलझना समस्याएं बढ़ाता है न मिलता समाधान न सत्य नजर आता है। बस एक चक्रव्यूह जिसमें फंसे हम न जीवन को जी पाते हैं न मृत्यु से भाग पाते हैं।