बने ये दुनिया सबसे प्यारी
जन्म जन्म का नाता साथी,
जैसे हो हम दीपक बाती।
बनके चलूं मैं तेरी परछाई,
ए मेरे हमदम ऐ मेरे साथी।
दुख सुख मिलकर साथ सहेंगे,
पग-पग हम साथ चलेंगे।
रहे अमर ये नाता हमारा,
हर संकट से मिलकर लड़ेंगे।
ये जीवन का सफर सुहाना,
तेरा मेरे जीवन में आना।
जैसे उतरा चांद जीवन में,
महका गुलशन था जो वीराना।
ये सुंदर सा अपना आंगन
कितना प्यारा है मनभावन।
कितने फूल खिले नातों के,
जिनसे महका अपना जीवन।
आओ मिलकर सींचे ये फुलवारी,
प्रेम की खाद डालें-क्यारी-क्यारी।
मतभेदों के शूल हटा दें,
बने ये दुनिया सबसे प्यारी।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित मौलिक
"प्रेम की खाद डालें-क्यारी-क्यारी।
जवाब देंहटाएंमतभेदों के शूल हटा दें,"- बहुत ही उम्दा सोच ...
सहृदय आभार आदरणीय 🙏 ब्लाॅग पर आने के
हटाएंलिए ,अति सुन्दर प्रतिक्रिया
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (12-08-2019) को "बने ये दुनिया सबसे प्यारी " (चर्चा अंक- 3425) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
सहृदय आभार सखी सादर
हटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏
जवाब देंहटाएंVery nice
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