गुरु महिमा






चित्र गूगल से साभार 




गुरुवर के आशीष से,बनते बिगड़े काम।

करते राह प्रशस्त वे,जग में होता नाम।।


जीवन के उद्देश्य का,गुरुवर देते ज्ञान।

उत्तम होता आचरण,जग में बढ़ता मान !!


ज्ञान-चक्षु को खोलते,गढ़ते हैं संस्कार।

गुरुवर के प्रेरक वचन,करते हैं उद्धार।।


शिक्षक का पद है बड़ा,रखिए इसका ध्यान।

उत्तम शिक्षा दे सदा,तभी बढ़ेगा मान।


शिक्षक की ये भूमिका,पढ़ें लिखें सब छात्र।

कमियाँ उनकी दूर कर, बनें योग्य सत्पात्र।


शिक्षक का सम्मान हो, रखें छात्र ये ध्यान।

सीख मिले जिनसे हमें,वे जन सदा महान।


शिक्षा के उत्थान हित,किए अनगिनत काज।

डा राधाकृष्णन सदा,करें हृदय पर राज।


शिक्षक शिष्यों को सदा,दें शिक्षा संस्कार।

नव पीढ़ी निर्माण का,उनके ऊपर भार।


शिक्षक अपने ज्ञान से,करें दूर अज्ञान।

आदर उनका कीजिए,रखिए यह बस ध्यान।


गुरुवर ज्ञान प्रकाश से, करें दूर अंधकार।

श्रेष्ठ शुद्ध हो आचरण,यह उनका उपकार।



शिक्षक नव निर्माण का, रखते हैं अधिकार।

भावी पीढ़ी श्रेष्ठ हो,तभी राष्ट्र उद्धार।


अभिलाषा चौहान


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