करार (वर्ण पिरामिड)
है
मन
व्याकुल
टूटा-दिल
छिना सुकून
जिंदगी बेजार
कैसे आए करार।
ना
ढूंढों
करार
बाह्य-जग
कोई न मीत
मजाक बनता
घाव और बढ़ता।
न
आए
करार
दिल-हार
मन-चंचल
प्रेम का चातक
ढूंढ़ता स्वाति बूंद।
वो
वीर
शहीद
खोया लाल
स्तब्ध मां-बाप
पत्नी बनी बुत
कैसे आए करार?
वे
वीर
शहीद
किया घात
आतंक ओट
हतप्रभ देश
नहीं आता करार।
न
आए
करार
वीर-लाल
आतंक भेंट
पीठ पर वार
करार के विभिन्न आयाम
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी सादर
हटाएंवाह क्या बात लाज़वाब वर्ण-पिरामिड अभिलाषा जी।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार प्रिय श्वेता,सादर
हटाएंलाज़वाब वर्ण-पिरामिड अभिलाषा जी।
जवाब देंहटाएं