अस्तित्व
क्या यही संसार है?
क्या यही जीवन है?
झुठलाना चाहती हूं
इस सत्य को
पाना चाहती हूं
उस छल को
जो भटका देता है
छोटी सी नौका को
इस विस्तृत जलराशि में
डूब जाती है नौका
खो देती है अपना
अस्तित्व......!
भुला देता है संसार
उस छोटी सी नौका को
जिसने न जाने कितनों
को किनारा दिखाया !
सब कुछ खोकर भी
उस नौका ने क्या पाया?
अभिलाषा चौहान
क्या यही जीवन है?
झुठलाना चाहती हूं
इस सत्य को
पाना चाहती हूं
उस छल को
जो भटका देता है
छोटी सी नौका को
इस विस्तृत जलराशि में
डूब जाती है नौका
खो देती है अपना
अस्तित्व......!
भुला देता है संसार
उस छोटी सी नौका को
जिसने न जाने कितनों
को किनारा दिखाया !
सब कुछ खोकर भी
उस नौका ने क्या पाया?
अभिलाषा चौहान
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