गणेश वंदना










मनहरण घनाक्षरी

१.

लम्बोदर एकदंत,पूजें तुम्हें भक्त-संत,

विघ्न हर्ता श्री गणेश,घर में पधारिए।


रिद्धि-सिद्धि शुभ-लाभ,अनोखी तुम्हारी आभ ,

मंगल मूर्ति मोरया, जीवन सुधारिए।


मंगल कर्ता विघ्नेश,अनुपम रूप-वेश

पाप सब क्षमा कर,संकट निवारिए।


वक्रतुंड बुद्धिनाथ,चरण नवाते माथ

मोदक लगाते भोग,दास को स्वीकारिए।


२.

गौरी सुत गणराज,प्रथम पूज्य सत्काज,

विनती यह दास की,दया अब कीजिए।


विघ्न विनाशक आप,स्मरण से मिटें शाप।,

मंगल मूर्ति मोरया, बुद्धि हमें दीजिए।


मूढ़ मति लोभी हम,भक्ति भाव नहीं दम,

क्षमा मूर्ति पाप हर,शरण ले लीजिए।


लड्डू दूर्वा पान प्रिय,दीन हीन बसें हिय,

दर्शन वंदन कर,रूप रस पीजिए।



दोहा मुक्तक 



प्रथम पूज्य करते नमन,तुमको बारंबार।

विघ्न विनाशक अब करो, भक्तों का उद्धार।

 हे गौरी सुत गजानन,कृपा दृष्टि हो आज,

 हे गणेश विनती यही,पाएं सुख संसार।।

,

सोरठा छंद


संकट सारे दूर,कर देते विघ्नेश हैं।

भक्ति भाव में चूर,भक्त करें जयकार हैं।

२.

प्रथम पूज्य विघ्नेश,घर-घर सदा विराजते।

मिटते उसके क्लेश, दर्शन इनका जो करें ।

३.

वक्रतुंड विघ्नेश,विनती करते आपसे।

प्रथम पूज्य सर्वेश, बुद्धिनाथ संकट हरो।

४.

दीन-हीन संताप,हरते सदा गणेश हैं।

मन से करले जाप, करुणाकर करते कृपा।

५.

मोदक दूर्वा पान,कर अर्पित विघ्नेश को।

वंदन पूजन ध्यान, नियमित ही करते रहें।



अभिलाषा चौहान

टिप्पणियाँ

  1. विघ्नविनाशक मंगलकारक भले पधारो गौरीपुत्र गणेश शुभदायक ।

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    1. सहृदय आभार सादर गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

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  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  3. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 28 अगस्त 2025 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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    उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय सादर गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

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  4. बहुत सुंदर रचना 🙏 गणपति बप्पा मोरिया 🙏

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    उत्तर
    1. सहृदय आभार सादर गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

      हटाएं
  5. उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय सादर गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

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