आजादी का महापर्व



आजादी के महापर्व पर

हो बस ये संकल्प हमारा

गगन चूमता रहे तिरंगा

उन्नत भारतवर्ष हमारा।


बलिदानों की बलि वेदी पर

जो आजादी हमने पाई

अपने-अपने सुख में डूबे

उसकी गरिमा आज भुलाई

कर्म निष्ठ बन करें समर्पण 

विश्व विजयी हो देश प्यारा

गगन चूमता....................।।


हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई

आओ हम ये भेद भुला दें

मातृभूमि हो सबको प्यारी

कटुता के सब बीज गला दें 

एक सूत्र में बँधे ये माला

आशा साहस सत्य सहारा 

गगन चूमता...................।।


प्रेम अहिंसा करुणा का पथ

सबसे उत्तम और निराला

देशप्रेम हो सबसे ऊपर

मित्र भाव मन हृदय विशाला

धीर वीर बनकर उत्साही

निज गौरव जग में विस्तारा 

गगन चूमता.....................।।





अभिलाषा चौहान 








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