कुछ अनकही.....??


 



१."सांप"

आस्तीनों में पलते सांपों ने

चुरा ली सांप की पहचान 

उनके दंश से बचना

अब नहीं आसान 

सांपों की इस प्रजाति से

हुए सांप भी हैरान...!!

**********************

२."भेडिया"


भेड़िये अब गलियों में घूमते

लगा भेड़ का मुखौटा

शिकार की तलाश में ,

गली-गली घूमते इन भेड़ियों को 

पहचान पाना है मुश्किल !

भेड़ को भेड़िया बनने में 

नहीं लगती देर

हे प्रभु कैसा हे अंधेर..!!

**********************

३."गिद्ध"


ताक में गिद्ध

घर की मुंडेरों,गली-चौराहों पर

चीर-फाड़ करने को...!!

मुर्दे भी हैं बेचैन

इन गिद्धों से बचना है कठिन

मांस नोचने को बेताब 

तहजीब के दुश्मन ये गिद्ध...!!

**********************

४."कौवे"


आजकल कौवे 

बहुत कांव-कांव करते हैं 

कानों में चुभते कर्कश स्वर,

बेवजह शोर मचाते इन

कौवों को समझ नहीं आता

कि शोर मचाने से

कुछ नहीं होता हासिल 

लानी होगी स्वर में मिठास

तभी जीतोगे दिल

तभी बनोगे खास....!!

*********************

५."गधे"


गधे बोझ ढ़ोते-ढ़ोते

थक चुके हैं 

अब कुम्हार गधों की सुनता है 

स्वयं गधा बनकर

गधों के अनुरूप चलता है 

गधे अपनी ताकत

पहचान चुकें हैं 

गधों के बिना बोझ 

ढोना है बहुत मुश्किल 

गधों को खुश रखना है जरूरी

इसलिए 

कुम्हार गधा बनकर खुश है...!!

**********************

६."कुत्ते"


चाटते तलवे

बनके वफादार 

एसी में बैठे

मखमली गद्दों पर भाग्य सराहते,

आसान होता यदि

तलवे चाटना

तो सभी होते भाग्यवान।

**********************

७."शेर"


शेर अब बिल्ली बन गए 

भूल गए दहाड़ना

पिंजरों में बंद शेर

हो गए हैं मोहताज 

दहाड़ने से पहले 

सौ बार सोचते हैं शेर

अपने अस्तित्व के खोने का डर

बना देता है इन्हें बिल्ली।


**********************


अभिलाषा चौहान 






टिप्पणियाँ

  1. सरीसृप, चौपाए - जंगली और पालतू भी और पक्षियों के आलम्बन लिए .. सप्तक के सात सुरों की तरह सात-सात बिम्बों के व्यंग्य-बाण .. .

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय आपकी प्रतिक्रिया ने सृजन की सार्थकता सिद्ध कर दी।जब आप जैसे श्रेष्ठ विद्वजन किसी रचना पर प्रतिक्रिया देते हैं तो उत्साह वर्धन के साथ प्रेरणा भी मिलती है।इतनी सुंदर समीक्षा के लिए आभार सादर

      हटाएं
  2. उत्तर
    1. आज कितने दिनों बाद आपने किसी रचना पर अपनी अनमोल प्रतिक्रिया दी आदरणीया यह मेरे लिए बहुत ही आनंदित करने वाला क्षण है।आपका हृदयतल से आभार सादर

      हटाएं
  3. अभिलाषा जी, आपकी सातों क्षणिकाएँ दमदार हैं पर आपकी कलम को ख़तरा हो सकता है. आपकी सातवीं क्षणिका को छोड़ कर पहली छहों क्षणिकाएँ हमारे देशभक्त नेताओं पर फ़िट बैठती हैं और आपकी इस गुस्ताख़ी के लिए वो आप पर मानहानि का मुक़द्दमा चला सकते हैं. लेकिन आप घबराइएगा नहीं, हम मुसीबत में आपका साथ ज़रूर देंगे.

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय आपकी समीक्षाएं मेरे लिए सदैव अनमोल, प्रेरणादायक, उत्साहित करने वाली होती हैं।आपके आशीर्वाद के कारण ही मैंने यह गुस्ताखी की है और जब आप साथ हैं तो किस बात का डर। सहृदय आभार सादर

      हटाएं
  4. वाह्ह क्या लाज़वाब क्षणिकाएं है एक से बढ़कर एक।
    सादर।
    ----
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार ८ जुलाई २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए अनमोल, प्रेरणादायक है प्रिय श्वेता जी।आप सभी श्रेष्ठ जन जब भी किसी रचना पर अपनी समीक्षा देते हैं तो सृजन सार्थक हो जाता है। बहुत कुछ सीखा है आप लोगों से ,ऐसे ही मार्गदर्शन कीजिए। सहृदय आभार सादर

      हटाएं
  5. उत्तर
    1. सहृदय आभार अनीता जी आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए प्रेरणास्रोत है सादर

      हटाएं
  6. उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए प्रेरणास्रोत है सादर

      हटाएं
  7. बहुत सुन्दर रचना

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह! सखी अभिलाषा जी ,एक से बढ़कर एक .. ..इन चौपायों के माध्यम से बहुत कुछ कह डाला आपनें ..।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सहृदय आभार शुभा जी आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए प्रेरणास्रोत है सादर

      हटाएं
  9. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 11 जुलाई 2024 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

    जवाब देंहटाएं
  10. हा हा हम सभी के बारे में लिख दिया | लाजवाब |

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आप अपने आपको सम्मिलित मत कीजिए आदरणीय,आप तो हमारे प्रेरणास्रोत है आप सभी के मार्गदर्शन से सीख रही हूं सहृदय आभार सादर

      हटाएं
  11. उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए प्रेरणास्रोत है सादर

      हटाएं
  12. उत्तर
    1. सहृदय आभार सखी आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए प्रेरणास्रोत है सादर

      हटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सवैया छंद प्रवाह

जिसे देख छाता उल्लास

सवैया छंद- कृष्ण प्रेम