मेहनत ही श्रृंगार बनी
जठराग्नि के प्रबल प्रभाव से
मेहनत ही श्रृंगार बनी
जीवन श्रम से सिंचित होगा
सृष्टि की ये पुकार बनी
श्वेद बहाते तप्त धूप में
खेतों में श्रमदान करे
भूमिपुत्र गलहार जगत के
अन्न-धन के भंडार भरे
कोप प्रकृति का जब-जब टूटा
आशा की बुझ गई कनी
जीवन श्रम से.......
पाथर तोड़े महल बनाए
ढोते गारा 'औ' माटी
भीषण गर्मी,शीत प्रबल हो
पीर कहाँ किसने बाँटी
दो पाटों के बीच पिसे हैं
आँसू की बरसात घनी
जीवन श्रम से.......
सपने आशा साहस जीतें
भाग्य बदलता मानव का
गढ़ लेते जो लक्ष्य अनोखे
नाम अमर रहता उनका
संकट जिनको लगते प्यारे
मृत्यु से उनकी रार ठनी
जीवन श्रम से.......
अभिलाषा चौहान
बहुत ही सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंश्रम के महत्व को परिभाषित करती सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 15 जनवरी 2023 को साझा की गयी है
जवाब देंहटाएंपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कलरविवार (15-1-23} को "भारत का हर पर्व अनोखा"(चर्चा अंक 4635) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
अभिलाषा जी, बहुत सुन्दर लिखती हैं आप। सर्वहारा वर्ग, जिस पर ध्यान या तो साहित्यकारों का जाता है या चुनावों के वक्त दिखावे के लिए राजनेताओं का, की पीड़ा को आपने अपनी सशक्त शब्द-रचना से मुखरित किया है। बधाई इस सुन्दर रचना केलिए।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिलाषा जी !
जवाब देंहटाएंलेकिन मेहनतकश इंसान क्या सिर्फ़ बोझा ढोता है या फिर सड़क पर पत्थर तोड़ता है?
वैसे हमारे मंत्रीजी भी तो बड़ी मेहनत करते हैं.
क्या उद्घाटन करते समय कैंची से फ़ीता काटने में और रटे-रटाए, घिसे-पिटे भाषण देने में मेहनत नहीं लगती?
मेहनतकशों का सटीक मर्म स्पर्शी चित्रण।
जवाब देंहटाएंसुंदर नवगीत सखी।
सपने आशा साहस जीतें
जवाब देंहटाएंभाग्य बदलता मानव का
गढ़ लेते जो लक्ष्य अनोखे
नाम अमर रहता उनका
संकट जिनको लगते प्यारे
मृत्यु से उनकी रार ठनी
जीवन श्रम से.......
श्रम शक्ति पर गहन चिंतनपूर्ण प्रस्तुति..
वाह!प्रिय सखी ,बहुत खूब!!
जवाब देंहटाएंनाम अमर रहता उनका
जवाब देंहटाएंसंकट जिनको लगते प्यारे
मृत्यु से उनकी रार ठनी///
श्रम की महिमा बढ़ाती रचना के लिए बधाई और शुभकामनाएं प्रिय अभिलाषा जी।मेहनत वालों की महिमा बढाने वाली भावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए बधाई और शुभकामनाएं ।सच में इस दुनिया की नींव श्रमवीरों _के कन्धों पर ही तो टिकी हुई है 🙏🌹🌹
बहुत खूबसूरत रचना
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