हो बस ये संकल्प हमारा
आजादी के महापर्व पर
हो बस ये संकल्प हमारा
गगन चूमता रहे तिरंगा
उन्नत भारतवर्ष हमारा।
बलिदानों की बलि वेदी पर
जो आजादी हमने पाई
अपने-अपने सुख में डूबे
उसकी गरिमा आज भुलाई
कर्म निष्ठ बन करें समर्पण
विश्व विजय करे देश प्यारा
गगन चूमता....................।।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई
आओ हम ये भेद भुला दें
मातृभूमि हो सबको प्यारी
कटुता के सब बीज गला दें
एक सूत्र में बँधे ये माला
आशा साहस सत्य सहारा
गगन चूमता...................।।
प्रेम अहिंसा करुणा का पथ
सबसे उत्तम और निराला
देशप्रेम हो सबसे ऊपर
मित्र भाव मन हृदय विशाला
धीर वीर बनकर उत्साही
निज गौरव जग में विस्तारा
गगन चूमता.....................।।
अभिलाषा चौहान
भवपूर्ण सुंदर सृजन ।
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार 15 अगस्त, 2022 को "स्वतन्तन्त्रा दिवस का अमृत महोत्सव" (चर्चा अंक-4522)
जवाब देंहटाएंपर भी होगी।
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कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सहृदय आभार आदरणीय सादर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीया आपको स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंबहुत अच्छी प्रेरक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजय भारत!
बहुत सुन्दर…आपको बहुत बधाई अभिलाषा जी🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी सादर आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंसुन्दर प्रेरक गीत । वाह
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीया सादर स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंबेहतरीन रचना दी।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार
हटाएंआजादी के महापर्व पर
जवाब देंहटाएंहो बस ये संकल्प हमारा
गगन चूमता रहे तिरंगा
उन्नत भारतवर्ष हमारा।
भारत माता को सत सत नमन
अमृत महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं सखी 🙏
सहृदय आभार सखी आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंबहुत सुंदर भावपूर्ण रचना।
जवाब देंहटाएंअमृत महोत्सव की शुभकामनाएं ।
सादर।
सहृदय आभार सखी सादर आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंसुन्दर, सरल और सार्थक सन्देश वाला भावपूर्ण सृजन। आपको बहुत-बहुत शुभकामनायें और बधाईयाँ।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आपको भी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
हटाएंहिंदू मुस्लिम सिख ईसाई
जवाब देंहटाएंआओ हम ये भेद भुला दें
मातृभूमि हो सबको प्यारी
कटुता के सब बीज गला दें
एक सूत्र में बँधे ये माला
आशा साहस सत्य सहारा
गगन चूमता...................।।
वाह!!!!
बहुत ही सुंदर भावपूर्ण सृजन ।
सहृदय आभार सखी सादर स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंVery nice jai hind
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