रोई होगी भारत माता

जयचंदों के चक्रव्यूह में

सत्य सदा ही मारा जाता

घर में ही जब छुपे भेदिए

राज भला कैसे बच पाता।।


विश्वासों की आड़ लिए जो

छीन रहे आभूषण उसके

पाखंडों की बनी बेड़ियाँ

प्राण घुटे मानवता सिसके

वीर सपूतों की जननी को

कहाँ भला ये बंधन भाता

घर में ही जब छुपे भेदिए

राज भला कैसे बच पाता।।


आँखों चढ़ी लोभ की पट्टी

भूल गए अपनी मर्यादा

जाति धर्म विद्वेष फैलाकर

बाँट रहे सब आधा-आधा

आग लगाकर अपने घर में

कुआँ कभी क्या खोदा जाता

घर में ही जब छुपे भेदिए

राज भला कैसे बच पाता।।


आतंकों के विषबीजों पर

सुख की ऐसी पौध लगाई

बाँट दिया निज माँ को जिसने

पीड़ा कहाँ समझ में आई

खण्ड-खण्ड से खण्डित होकर

रोई होगी भारत माता

घर में ही जब छुपे भेदिए

राज भला कैसे बच पाता।।


अभिलाषा चौहान















टिप्पणियाँ

  1. जी अभिलाषा जी, मां भारती के छद्म वैरियों को आईना दिखाती सार्थक रचना।👌👌 सच है मां भारती जरूर रोती होगी, इन छद्म वेश धारण लिए कथित अपनों के क्रिया कलाप पर। आतंकियों के इन मनहूस इरादों पर।

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  2. हमारी हुलामी का सबब ही ऐसे भेदिये रहे हैं । चंद पैसों की खातिर गद्दारी करने से बाज़ नहीं आये । मन को उद्वेलित करती अच्छी रचना ।

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  3. अप्रतिम रचना। भारत माता आज भी ऐसे भेदियों से आज भी घिरी है जो निज स्वार्थ के आगे कुछ भी नहीं देख पाते।

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  4. अप्रतिम रचना। भारत माता आज भी ऐसे भेदियों से आज भी घिरी है जो निज स्वार्थ के आगे कुछ भी नहीं देख पाते।

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  5. हमारे तथाकथित देशभक्तों की पोल खोलता बहुत सुन्दर गीत !
    लेकिन अभिलाषा जी, कबीर की बानी याद रखिए - 'सांच कहे तो मारन धावे'

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  6. आतंकों के विषबीजों पर

    सुख की ऐसी पौध लगाई

    बाँट दिया निज माँ को जिसने

    पीड़ा कहाँ समझ में आई

    खण्ड-खण्ड से खण्डित होकर

    रोई होगी भारत माता

    घर में ही जब छुपे भेदिए

    राज भला कैसे बच पाता।।

    यथार्थ का सटीक चित्रण ।बहुत शुभकामनाएं अभिलाषा जी🌹🌹👏👏

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  7. जयचंदों के चक्रव्यूह में सत्य सदा ही मारा जाता। ठीक ही तो है आपकी यह बात अभिलाषा जी। सत्य तो सदा से मारा ही जाता रहा है - ऐसे नहीं तो वैसे। आपकी इस प्रशंसनीय कविता ने मुझे शिवमंगल सिंह सुमन जी की सुप्रसिद्ध कविता 'मेरा देश जल रहा, कोई नहीं बुझाने वाला' का स्मरण करवा दिया। आभार एवं अभिनन्दन।

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  8. रोई होगी भारत माता
    घर में ही जब छुपे भेदिए
    राज भला कैसे बच पाता
    ....... सटीक चित्रण

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