चंदन माटी को माना



संकल्पों की डोर थामकर

चट्टानों से टकराना

मन में बसती मां भारती

चंदन माटी को माना।।


घात लगाकर गिद्ध बैठते

मन में कलुष भरा जिनके

छुप-छुप कर ये वार करे हैं

सगे बने ये कब किनके

पाँचजन्य सी शंखनाद कर

वीर भारती बढ़ जाना।

मन में बसती मां भारती

चंदन माटी को माना।।


प्राण हथेली पर रखते हैं

जन्मभूमि के मतवाले

शेरों सी हुंकार भरे जब

अरिदल शस्त्र सभी डाले

वज्र समान हौंसले रखना

पूरा करना जो ठाना

मन में बसती मां भारती

चंदन माटी को माना।।


हृदय बसा कर देशप्रेम को

हँसते-हँसते बढ़े चले

नभ में नाम लिखाते अपना

आन-बान संकल्प फले

वसुधा के ये रत्न अनोखे

जाने उसको महकाना।

मन में बसती मां भारती

चंदन माटी को माना।।



अभिलाषा चौहान

टिप्पणियाँ

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (26-01-2022) को चर्चा मंच        "मनाएँ कैसे हम गणतन्त्र"   (चर्चा-अंक4322)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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    उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर
      गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

      हटाएं
  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 26 जनवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
    !

    अथ स्वागतम् शुभ स्वागतम्

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीया 🙏 सादर
      गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

      हटाएं
  3. उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर
      गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

      हटाएं
  4. हृदय बसा कर देशप्रेम को

    हँसते-हँसते बढ़े चले

    नभ में नाम लिखाते अपना

    आन-बान संकल्प फले

    वसुधा के ये रत्न अनोखे

    जाने उसको महकाना।

    मन में बसती मां भारती

    चंदन माटी को माना।।
    वीर बाँकुरों को समर्पित बहुत ही लाजवाब नवगीत
    वाह!!!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सहृदय आभार सखी, सादर
      गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

      हटाएं
  5. उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीया 🙏 सादर
      गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

      हटाएं
  6. देश के शूरवीरों के सम्मान में रचित सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति 👌👏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सहृदय आभार सखी, सादर
      गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

      हटाएं
  7. प्राण हथेली पर रखते हैं
    जन्मभूमि के मतवाले
    शेरों सी हुंकार भरे जब
    अरिदल शस्त्र सभी डाले
    वज्र समान हौंसले रखना
    पूरा करना जो ठाना
    मन में बसती मां भारती
    चंदन माटी को माना।।
    देश के शूरवीर पर आधारित बहुत ही शानदार व लाजवाब सृजन!
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं💐

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    1. सहृदय आभार सखी, सादर
      गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

      हटाएं
  8. बेहद सुंदर सृजन।
    हृदय गर्व से भर गया अनुराधा जी।
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ।
    सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सहृदय आभार सखी, सादर
      गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

      हटाएं
  9. अत्यंत हृदयस्पर्शी पंक्तियों से सुसज्जित रचना, आपको ढेर सारी शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर
      गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

      हटाएं

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