टूट रहे अनुबंध अनोखे

सीप गर्भ में मोती पलता

भाव हृदय में पलते वैसे

घिरता है घनघोर अँधेरा

लड़ता जुगनू उससे जैसे।।


खारा सागर पिए वेदना

लहरों में मचती नित हल-चल

उमड़-घुमड़ के बादल आए

प्यास धरा की जागे पल-पल

व्यथित हृदय तटबंध तोड़ता

नयना नीर सरोवर ऐसे

घिरता है घनघोर अँधेरा

लड़ता जुगनू उससे जैसे।।


एक मिलन पूरा होता है

विरही बनकर दूजा डोले

पाषाणों ने चीख-चीख कर

राज हृदय के कितने बोले

पर्वत का आँसू है झरना

नदी हर्ष की गाथा कैसे

घिरता है घनघोर अँधेरा

लड़ता जुगनू उससे जैसे।।


टूट रहे अनुबंध अनोखे

जीवन को जो सींच रहे थे

काँटों की शैया पर लेटे

अपना ही इतिहास कहे थे

आस डोर हाथों से छूटे

चैन जिया का खोता तैसे

घिरता है घनघोर अँधेरा

लड़ता जुगनू उससे जैसे।।


अभिलाषा चौहान



टिप्पणियाँ

  1. पहाड़ी नदी के जैसे प्रवाह वाला बहुत सुन्दर गीत !

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  2. बहुत ही सुंदर गीत, अभिलाषा दी।

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  3. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 11 अप्रैल 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  4. निश्चित बहुत बहुत सुन्दर सराहनीय रचना |

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  5. बहुत सुंदर रचना,प्रकृति के प्रतिबिंबो का सुंदर परिदृष्य आलोकित हो भाव भर गया ।

    जवाब देंहटाएं
  6. एक मिलन पूरा होता है
    विरही बनकर दूजा डोले
    पाषाणों ने चीख-चीख कर
    राज हृदय के कितने बोले
    पर्वत का आँसू है झरना
    बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति अभिलाषा जी। पर्वत का आँसू है झरना ने--- दिल जीत लिया। भावपूर्ण गीत के लिए बधाई और शुभकामनाएं 🙏🙏🌹🌹❤❤

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    1. सहृदय आभार प्रिय बहन रेणु आपकी प्रतिक्रिया पाकर रचना सार्थक हुई🌹🙏सादर

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  7. बहुत खूबसूरत गीत ।। इसको मैं दो बार पढ़ कर जा छुकी ।टिप्पणी क्यों नहीं कर पाई ये पता नहीं ।मुझे तो आपका जुगनू भा गया ।

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    उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीया आपको गीत पसंद आया सृजन सार्थक हुआ🌹🙏सादर

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  8. अति सुंदर मनमोहक और भावप्रवण सृजन प्रिय अभिलाषा जी।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  9. आप की पोस्ट बहुत अच्छी है Sometimes when I try to watch Prime on my computer with my VPN active, Amazon prompts me to disable it before streaming. hindi song lyrics for caption

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