गूँजते ये गीत कैसे
चंचला चमकी चपल जब
कौंध कर हिय में समाई।
मेघ यादों के झरे तब
नींद नयनों ने गँवाई।
दृश्य जीवंत से हुए हैं
पल चुभे फिर शूल जैसे
पीर आँधी सी उठी है
उड़ रही ये धूल कैसे
चित्र धुँधले साफ होते
धुंध जब सारी हटाई।
साथ बीते पल सलोने
आ गए अतिथि के जैसे
प्राण में मधुमास छाया
गूँजते ये गीत कैसे
देख अपना बचपना फिर
कोंपलें फिर लहलहाई।
काल ने भी शस्त्र डाले
याद से वह हार जाए
जीतता वो पल सदा है
आए और बीत जाए
है धरोहर ये मनुज की
मृत्यु भी कब छीन पाई।।
अभिलाषा चौहान
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंवाह सुन्दर भाव प्रस्तुति अभिलाषा जी
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी 🙏 सादर
हटाएंयादों की धरोहर ताउम्र लिए चलते हैं
जवाब देंहटाएंफूल के साथ शूल की चुभन लिए चलते हैं ।
बहुत खूबसूरत गीत ।
सहृदय आभार आदरणीया 🙏 सादर आपकी प्रतिक्रिया पाकर रचना सार्थक हुई
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुंदर भावों भरा लयबद्ध गीत.. हार्दिक शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी 🙏 सादर आपकी प्रतिक्रिया पाकर रचना सार्थक हुई
हटाएंबहुत सुन्दर गीत।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर आपकी प्रतिक्रिया पाकर रचना सार्थक हुई
हटाएंबहुत मधुर गीत
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर आपकी प्रतिक्रिया पाकर रचना सार्थक हुई
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (17-03-2021) को "अपने घर में ताला और दूसरों के घर में ताँक-झाँक" (चर्चा अंक-4008) पर भी होगी।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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सहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर मेरी रचना को चर्चा अंक में चयनित करने के लिए
हटाएंमन को छू गया यह गीत ।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर आपकी प्रतिक्रिया पाकर रचना सार्थक हुई
हटाएंकाल ने भी शस्त्र डाले
जवाब देंहटाएंयाद से वह हार जाए
जीतता वो पल सदा है
आए और बीत जाए
बहुत ही सुंदर सृजन सखी,सादर नमन
सहृदय आभार सखी 🙏 सादर आपकी प्रतिक्रिया पाकर रचना सार्थक हुई 🙏
हटाएंबहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार विकास जी,आपकी प्रतिक्रिया पाकर रचना सार्थक हुई,सादर
हटाएंसहृदय आभार सखी 🙏 सादर
जवाब देंहटाएंवाह अभिलाषा जी, आपकी कविता पढ़कर आज मुझे गोपालदास 'नीरज' जी याद आ गए...साथ बीते पल सलोने
जवाब देंहटाएंआ गए अतिथि के जैसे
प्राण में मधुमास छाया
गूँजते ये गीत कैसे
देख अपना बचपना फिर
कोंपलें फिर लहलहाई।...बहुत खूबसूरत लिखा है , हृदयस्पर्शी
सहृदय आभार आदरणीया 🙏 सादर आपकी प्रतिक्रिया पाकर रचना सार्थक हुई 🙏 बस लिख लेती हूँ इन महान कवियों से मेरी कहां बराबरी है।
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