फूलों सी दुआ
दुआएं काम करती हैं,
बरसती हैं ये फूलों सी।
मिटाती दर्द जीवन का,
लगे बिल्कुल मरहम सी।
दुखा कर दिल किसी का,
कभी तुम क्या पाओगे।
रूला कर तुम किसी को,
दुआ से दूर जाओगे।
दुआ बिकती नहीं ऐसे,
खरीदो चंद सिक्कों से।
दुआ मिलती नहीं ऐसे,
कभी जोर -धमकी से।
दिलों की बात है ये,
दिलों तक पहुंच जाएगी।
दिलों में झांक कर देखो,
दुआ फिर मिल ही जाएगी।
दुआ मांगों किसी से तुम,
इसे फिर भी न पाओगे।
दुआ देना ,दुआ पाना,
कभी जब सीख जाओगे।
पाठ जीवन का तब शायद,
कभी तुम भी पढ़ पाओगे।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित मौलिक
बरसती हैं ये फूलों सी।
मिटाती दर्द जीवन का,
लगे बिल्कुल मरहम सी।
दुखा कर दिल किसी का,
कभी तुम क्या पाओगे।
रूला कर तुम किसी को,
दुआ से दूर जाओगे।
दुआ बिकती नहीं ऐसे,
खरीदो चंद सिक्कों से।
दुआ मिलती नहीं ऐसे,
कभी जोर -धमकी से।
दिलों की बात है ये,
दिलों तक पहुंच जाएगी।
दिलों में झांक कर देखो,
दुआ फिर मिल ही जाएगी।
दुआ मांगों किसी से तुम,
इसे फिर भी न पाओगे।
दुआ देना ,दुआ पाना,
कभी जब सीख जाओगे।
पाठ जीवन का तब शायद,
कभी तुम भी पढ़ पाओगे।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित मौलिक
दुखा कर दिल किसी का,
जवाब देंहटाएंकभी तुम क्या पाओगे।
रूला कर तुम किसी को,
दुआ से दूर जाओगे।
बिलकुल सही लिखा है आपने। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीया ।
दुआएं काम करती हैं,
जवाब देंहटाएंबरसती हैं ये फूलों सी।
मिटाती दर्द जीवन का,
लगे बिल्कुल मरहम सी।
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, अभिलाषा दी।
सहृदय आभार सखी सादर 🌷🙏
हटाएंबेहद खूबसूरत एवं सार्थक अभिव्यक्ति प्रिय सखी अभिलाषा जी।सादर नमन।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी सादर
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
सहृदय आभार आदरणीय 🙏🌷
हटाएंदुआ देना ,दुआ पाना,
जवाब देंहटाएंकभी जब सीख जाओगे।
पाठ जीवन का तब शायद,
कभी तुम भी पढ़ पाओगे।
वाह!!!!
क्या बात!!!!!
बहुत ही लाजवाब
सहृदय आभार सखी सादर
हटाएंबरसती हैं ये फूलों सी।
जवाब देंहटाएंमिटाती दर्द जीवन का,
लगे बिल्कुल मरहम सी।
....बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
सहृदय आभार संजय जी 🙏
हटाएंसहृदय आभार सखी सादर
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