फूलों सी दुआ

दुआएं काम करती हैं,
बरसती हैं ये फूलों सी।
मिटाती दर्द जीवन का,
लगे बिल्कुल मरहम सी।
दुखा कर दिल किसी का,
कभी तुम क्या पाओगे।
रूला कर तुम किसी को,
दुआ से दूर जाओगे।
दुआ बिकती नहीं ऐसे,
खरीदो चंद सिक्कों से।
दुआ मिलती नहीं ऐसे,
कभी जोर -धमकी से।
दिलों की बात है ये,
दिलों तक पहुंच जाएगी।
दिलों में झांक कर देखो,
दुआ फिर मिल ही जाएगी।
दुआ मांगों किसी से तुम,
इसे फिर भी न पाओगे।
दुआ देना ,दुआ पाना,
कभी जब सीख जाओगे।
पाठ जीवन का तब शायद,
कभी तुम भी पढ़ पाओगे।

अभिलाषा चौहान
स्वरचित मौलिक




टिप्पणियाँ

  1. दुखा कर दिल किसी का,
    कभी तुम क्या पाओगे।
    रूला कर तुम किसी को,
    दुआ से दूर जाओगे।
    बिलकुल सही लिखा है आपने। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीया ।

    जवाब देंहटाएं
  2. दुआएं काम करती हैं,
    बरसती हैं ये फूलों सी।
    मिटाती दर्द जीवन का,
    लगे बिल्कुल मरहम सी।
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, अभिलाषा दी।

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहद खूबसूरत एवं सार्थक अभिव्यक्ति प्रिय सखी अभिलाषा जी।सादर नमन।

    जवाब देंहटाएं
  4. दुआ देना ,दुआ पाना,
    कभी जब सीख जाओगे।
    पाठ जीवन का तब शायद,
    कभी तुम भी पढ़ पाओगे।
    वाह!!!!
    क्या बात!!!!!
    बहुत ही लाजवाब

    जवाब देंहटाएं
  5. बरसती हैं ये फूलों सी।
    मिटाती दर्द जीवन का,
    लगे बिल्कुल मरहम सी।
    ....बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं

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