जख्म दिल के
खोया-खोया उदास सा,
लगता है हर मंजर।
जब कोई अपना ही,
मारता है खंजर।
टूटते दिल से आती है सदा,
अविश्वास के पर्दे से,
झाँकता बेरहम सत्य,
देता है ऐसी चोट,
जिसका मरहम नहीं मिलता।
छाता है अँधेरा ,
उठता है विश्वास दुनिया से।
हर शै में दिखता है,
झूठ ,फरेब,
चोट खाया दिल,
चैन कहाँ पाता है।
एक बार जो टूटता ,
आइने के समान,
फिर कहाँ वो जुड़ पाता है।
इश्क में टूटे याकि,
टूटे फरेब से
या टूट जाए खुदा के कोप से।
बोझ सी जिंदगी का,
ढोते रहते हैं बोझा,
तमाम उम्र।
मरे हुए दिल और जज्बात,
फिर चैन नहीं पाते है।
चोट खाए इंसान,
या तो घुट के रह जाते हैं।
या इंसानियत से दूर,
हैवानियत को साथी बना लेते हैं।
या फिर ,
दुनिया की बेमुरब्बती से,
दुनिया ही छोड़ जाते हैं।
दुनिया ही छोड़ जाते हैं।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित मौलिक
मार्मिक भावपूर्ण रचना ! बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीया 🙏🌷
हटाएंदुनिया की बेमुरब्बती से,
जवाब देंहटाएंदुनिया ही छोड़ जाते हैं।
बिल्कुल सही कहा आपने दी ,प्रणाम।
सहृदय आभार भाई,सदा स्वस्थ रहें
हटाएंसंवेदनाओं से भरा मार्मिक रचना सखी ,सादर नमन
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी,सादर🙏🌷
हटाएंखोया-खोया उदास सा,
जवाब देंहटाएंलगता है हर मंजर।
जब कोई अपना ही,
मारता है खंजर।
बहुत ही मर्मस्पर्शी लाजवाब सृजन....
सहृदय आभार सखी सादर 🙏🌷
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(१२-०१-२०२०) को "हर खुशी तेरे नाम करते हैं" (चर्चा अंक -३५७८) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
**
अनीता सैनी
सहृदय आभार सखी सादर 🌷🙏
हटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏🌷
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
१३ जनवरी २०२० के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
सहृदय आभार सखी सादर
हटाएंबेहद मार्मिक रचना।सादर
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी सादर 🌷🙏
हटाएंशुभप्रभात, चोट जैसी नकारात्मक विषय पर भी आपने विस्मयकारी रचना लिख डाली हैं । मेरी कामना है कि यह प्रस्फुटन बनी रहे और हमारी हिन्दी दिनानुदिन समृद्ध होती रहे। हलचल के मंच को नमन करते हुए आपका भी अभिनंदन करता हूँ ।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏🌷 आपकी उत्साहित करने वाली प्रतिक्रिया मेरे लिए प्रेरणास्रोत है।हम जैसे नवोदित कलाकारों के लिए आप जैसे प्रतिष्ठित साहित्यसेवियों के बोल ऊर्जा का कार्य करते हैं।नमन आपको।
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏🌷 आप के दो शब्द पाकर मेरी रचना धन्य हुई।ऐसे ही उत्साहित करते रहे ,आपके शब्द हमारे लिए प्रेरणास्रोत है।
हटाएंवाह!बहुत सुंदर सृजन !सखी ।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी सादर 🌷🙏
हटाएंजब कोई अपना ही,
जवाब देंहटाएंमारता है खंजर।
....बहुत ही मर्मस्पर्शी
सहृदय आभार संजय जी 🙏🌷 सादर
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