मैं बनूं सुर
मेरे सुर में तुम्हारा सुर मिले तो बात बने,
मैं बनूं सुर और ताल तुम बनो तो बात बने।
मैं बनूं गीत ,बोल तुम बनो तो बात बने,
मैं बनूं कविता ,रस तुम बनो तो बात बने।
मैं बनूं शब्द तुम अर्थ बनो तो बात बने।
मैं बनूं छंद तुम तुक बनो तो बात बने।
मैं बनूं भाव तुम बनो प्राण तो बात बने।
मैं बांसुरी और तुम तान बनो तो बात बने।
मेरे जीवन के तुम बनो अलंकार तो बात बने।
मैं-तुम बन जाए हम तो कोई बात बने।
सुन लो अनकही बातें तुम तो कोई बात बने,
मैं बहती नदियां तुम सागर बनो तो बात बने।
मैं बहती पवन तुम बनो सौरभ तो बात बने,
मैं खिलता पुष्प तुम भंवरा बनो तो बात बने।
मैं चांदनी तुम मेरे चंद्रमा बनो तो बात बने,
मैं उषा और तुम दिनकर बनो तो बात बने।
बिखरा दो इंद्रधनुषी रंग तो कोई बात बने,
जीवन बने सप्त सुरों का संगम तो बात बने।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित मौलिक
मैं बनूं सुर और ताल तुम बनो तो बात बने।
मैं बनूं गीत ,बोल तुम बनो तो बात बने,
मैं बनूं कविता ,रस तुम बनो तो बात बने।
मैं बनूं शब्द तुम अर्थ बनो तो बात बने।
मैं बनूं छंद तुम तुक बनो तो बात बने।
मैं बनूं भाव तुम बनो प्राण तो बात बने।
मैं बांसुरी और तुम तान बनो तो बात बने।
मेरे जीवन के तुम बनो अलंकार तो बात बने।
मैं-तुम बन जाए हम तो कोई बात बने।
सुन लो अनकही बातें तुम तो कोई बात बने,
मैं बहती नदियां तुम सागर बनो तो बात बने।
मैं बहती पवन तुम बनो सौरभ तो बात बने,
मैं खिलता पुष्प तुम भंवरा बनो तो बात बने।
मैं चांदनी तुम मेरे चंद्रमा बनो तो बात बने,
मैं उषा और तुम दिनकर बनो तो बात बने।
बिखरा दो इंद्रधनुषी रंग तो कोई बात बने,
जीवन बने सप्त सुरों का संगम तो बात बने।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित मौलिक
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में " गुरुवार 26 सितम्बर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी सादर
हटाएंबहुत खूब ,लाजबाब सृजन सखी
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी, सादर
हटाएंमैं बनूं भाव तुम बनो प्राण तो बात बने।
जवाब देंहटाएंमैं बांसुरी और तुम तान बनो तो बात बने।
मेरे जीवन के तुम बनो अलंकार तो बात बने।
मैं-तुम बन जाए हम तो कोई बात बने।...बहुत सुन्दर सृजन
सादर
अहा ! सुंदर भावों का संगम
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी,सादर
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
३० सितंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
गज़ब की रचना।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार रोहितास जी सादर
हटाएंवाहहहहहहहहह बेहतरीन
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी
हटाएंमेरे जीवन के तुम बनो अलंकार तो बात बने।
जवाब देंहटाएंलाजवाब।
सहृदय आभार सखी सादर
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