वर्ण पिरामिड

 है
धर्म
परार्थ
परमार्थ
परोपकार
संसार उत्थान
मानवता कल्याण।
”"""""""""""""”""""""""”

है
उर
आकुल
देख दशा
पीड़ित जन
शुष्क संवेदना
व्यथित मानवता।
”"""”"""""""""""""""""""”
 है
गीत
जिंदगी
प्रेम-पगी
पुष्प-गंध-सी
बहती नदी सी
हंसती मुस्कुराती।
”"""""""""""""'"""""""""”
है
मीत
जिंदगी
जो सुंदर
वर्षा-बूंदों सी
निर्झर -धारा सी
जलधि-तरंगों सी।
””"""""""""""'""""""""""""”
है
जंग
जिंदगी
दुखदायी
स्वार्थों से बंधी
विवादों में फंसी
उलझनों से घिरी।
”""""'"""""""""""""""""""""""”
अभिलाषा चौहान
स्वरचित मौलिक

टिप्पणियाँ

  1. सुन्दर प्रस्तुति एवम् वर्ण पिरामिड

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  2. वाह ... बहुत ही सुन्दर शब्द पिरामिड ... गहरा अर्थ लिए हर छंद भी साथ ...
    लाजवाब ...

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहद भावपूर्ण और सुन्दर वर्ण पिरामिड अभिलाषा जी ।

    जवाब देंहटाएं
  4. सहृदय आभार आदरणीया यशोदा दी सादर

    जवाब देंहटाएं

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