एहसास है मुझे
एहसास है मुझे,
वह दर्द जो तूने जिया...
वह जख्म जो तुझे ,
दुनिया ने दिया।
एहसास है मुझे,
उस अकेलेपन का..
उस तड़पते दिल का..
जिसे चाह थी,
बूंद भर प्यार की..
परिवार के दुलार की..!
एहसास है मुझे,
उन आंसुओं का..
जो तेरी आंख से बहे..
उस टूटे हृदय का..
उस वेदना का..
उस तड़प का..।
तेरा एहसास,
जो दर्द बनकर,
जख्म के रूप में जिंदा है,
सदा के लिए।
भूल गई हूं मैं जीना,
क्योंकि तेरा दर्द ..
बन गया है मेरा दर्द..!
जो चलेगा साथ ताउम्र,
तेरा एहसास ..!
होता है मुझे,
हर पल हर कदम!
तू नहीं है फिर भी यहीं है।।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित मौलिक
वह दर्द जो तूने जिया...
वह जख्म जो तुझे ,
दुनिया ने दिया।
एहसास है मुझे,
उस अकेलेपन का..
उस तड़पते दिल का..
जिसे चाह थी,
बूंद भर प्यार की..
परिवार के दुलार की..!
एहसास है मुझे,
उन आंसुओं का..
जो तेरी आंख से बहे..
उस टूटे हृदय का..
उस वेदना का..
उस तड़प का..।
तेरा एहसास,
जो दर्द बनकर,
जख्म के रूप में जिंदा है,
सदा के लिए।
भूल गई हूं मैं जीना,
क्योंकि तेरा दर्द ..
बन गया है मेरा दर्द..!
जो चलेगा साथ ताउम्र,
तेरा एहसास ..!
होता है मुझे,
हर पल हर कदम!
तू नहीं है फिर भी यहीं है।।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित मौलिक
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में शुक्रवार 19 जुलाई 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏
हटाएंसुन्दर भाव अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार प्रिय सखी,सादर
हटाएंभूल गई हूं मैं जीना,
जवाब देंहटाएंक्योंकि तेरा दर्द ..
बन गया है मेरा दर्द..!
जो चलेगा साथ ताउम्र
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, अभिलाषा दी!
सहृदय आभार प्रिय सखी सादर
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (20 -07-2019) को "गोरी का शृंगार" (चर्चा अंक- 3402) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
सहृदय आभार प्रिय सखी
हटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏
जवाब देंहटाएंबेहद हृदयस्पर्शी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
२२ जुलाई २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
सहृदय आभार सखी,सादर
हटाएंतेरा एहसास ..!
जवाब देंहटाएंहोता है मुझे,
हर पल हर कदम!
तू नहीं है फिर भी यहीं है।।
बहुत हृदयस्पर्शी रचना...