शब्द ही सत्य है
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शब्द मय है सारा संसार,
शब्द ही काव्य अर्थ विस्तार।
शब्द ही जगती का श्रृंगार,
शब्द से जीवन है साकार।
शब्द से अर्थ नहीं है विलग,
शब्द से सुंदर भाव सजग ।
शब्द का जैसा करो प्रयोग,
वैसा ही होता है उपयोग ।
शब्द कर देते हैं विस्फोट,
कभी लगती है गहरी चोट।
नहीं शब्दों में कोई खोट,
शब्द लेकर भावों की ओट।
दिखा देते हैं अपना प्रभाव,
खेल जाते हैं अपना दांव।
शब्दों से हो जाते हैं युद्ध,
टूटते दिल घर परिवार संबंध।
शब्द ही जोडे़ दिल के तार,
बहती सप्त स्वरों की रसधार।
शब्द की शक्ति बड़ी अनंत,
शब्द से सृष्टि है जीवंत।
कभी बन कर लगते गोली,
कभी लगते कोयल की बोली।
कभी बन जाते हैं नासूर,
कभी बन जाते हैं अति क्रूर ।
शब्द की महिमा अपरंपार ,
शब्द ही जगती का आधार ।
शब्द का विस्तृत है संसार,
शब्द मय है सारा संसार।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित
शब्द मय है सारा संसार,
शब्द ही काव्य अर्थ विस्तार।
शब्द ही जगती का श्रृंगार,
शब्द से जीवन है साकार।
शब्द से अर्थ नहीं है विलग,
शब्द से सुंदर भाव सजग ।
शब्द का जैसा करो प्रयोग,
वैसा ही होता है उपयोग ।
शब्द कर देते हैं विस्फोट,
कभी लगती है गहरी चोट।
नहीं शब्दों में कोई खोट,
शब्द लेकर भावों की ओट।
दिखा देते हैं अपना प्रभाव,
खेल जाते हैं अपना दांव।
शब्दों से हो जाते हैं युद्ध,
टूटते दिल घर परिवार संबंध।
शब्द ही जोडे़ दिल के तार,
बहती सप्त स्वरों की रसधार।
शब्द की शक्ति बड़ी अनंत,
शब्द से सृष्टि है जीवंत।
कभी बन कर लगते गोली,
कभी लगते कोयल की बोली।
कभी बन जाते हैं नासूर,
कभी बन जाते हैं अति क्रूर ।
शब्द की महिमा अपरंपार ,
शब्द ही जगती का आधार ।
शब्द का विस्तृत है संसार,
शब्द मय है सारा संसार।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित
बहुत खूब प्रिय अभिलाषा जी | शब्दों का बहुत ही भावमय संसार सजाया है आपने \ सचमुच शब्द ही सृष्टि में व्यवहार का आधार हैं और प्रेम का भी | सस्नेह शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार प्रिय रेणु बहन
हटाएंबहुत सुंदर
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