भारत का भविष्य
बुरा न मानो होली है!!
(मात्र व्यंग्य है,अन्यथा न लेवें)
†*****************************
प्रगति मैदान में
शायद कोई मेला लगा था।
एक ओर,
एक नेता
भारत की प्रगति पर,
भाषण दे रहा था।
एक ओर,एक बच्चा
हाथ में कटोरा लिए खड़ा था।
नेता ने कहा,
देश के विकास की ,
योजनाएं बनाई हैं।
विकास कार्य जोरों पर है।
आर्थिक विकास के प्रयत्न
किए जा रहे हैं,
अभी कटोरों की संख्या कम है,
और कटोरे बनाए जा रहे हैं,
लोगों !!!
एक दिन ऐसा आएगा,
जब सभी भेदभाव मिट जाएंगे,
आज कुछ के हाथ में कटोरा है,
कल सबके हाथ में कटोरा थमाएंगे।
इस तरह,
देश का भविष्य बनाएंगे।
देश को उन्नति के ,
चरम शिखर पर पहुंचाएंगे।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित मौलिक
जबरदस्त कटाक्ष सखी।
जवाब देंहटाएंउम्दा।
उस बच्चे को किसी कहा...भाषण के बाद गुपचुप मिलेगा..सो वह इन्तजार कर रहा है
जवाब देंहटाएंसादर..
सत्य वचन आदरणीय 🙏 सहृदय आभार
हटाएंकटोरे बड़े बड़े बड़े खुद रखेंगे
जवाब देंहटाएंछेद पड़े कटोरे बच्चों को दे देंगे ।
सही पकड़ी हैं :)
सुन्दर।
सहृदय आभार आदरणीय 🙏
हटाएंआपकी लिखी रचना "मुखरित मौन में" आज शनिवार 23 मार्च 2019 को साझा की गई है......... मुखरित मौन पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार यशोदा जी 🙏🌷
हटाएंवाह बेहतरीन
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार बहन
हटाएंआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है. https://rakeshkirachanay.blogspot.com/2019/03/114.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार राकेश जी 🙏
हटाएंबहुत सुंदर व्यगायत्म्क रचना ,स्नेह सखी
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार प्रिय सखी कामिनी
हटाएं