हर घर वृंदावन बन जाए

होली का ये पावन त्योहार,
लेकर आए खुशियां अपार।
आओ मिल मनभेद मिटाएं,
छा जाए चहुं ओर बहार।

भूल जाएं सब बीती बातें,
भूल जाएं घातें-प्रतिघातें।
प्रेम-रंग में रंग कर हम सब,
पा लें जीवन की सौगातें।

क्यों जीवन में कटुता घोलें,
क्यों नफरत के रंग ले हम डोलें।
क्यों न लगाएं खुशियों के मेले,
धुल जाए जिसमें मन का मलाल।

वृंदावन हर घर बन जाए,
कान्हा प्रेम का रंग बरसाए।
तन-मन भींगे प्रेम के रंग में।
राधामय ये संसार हो जाए।


अभिलाषा चौहान
स्वरचित ,मौलिक



टिप्पणियाँ

  1. उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय 🙏 आपको होली के
      पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

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  2. बहुत सुंदर..होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ अभिलाषा जी।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सहृदय आभार सखी,😃🌷🙏आपको होली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

      हटाएं
  3. वृंदावन हर घर बन जाए,
    कान्हा प्रेम का रंग बरसाए।
    तन-मन भींगे प्रेम के रंग में।
    राधामय ये संसार हो जाए।

    बहुत ही सुंदर सखी

    होली की हार्दिक शुभकामनाये

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सहृदय आभार सखी,होली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🌷

      हटाएं
  4. वृंदावन हर घर बन जाए,
    कान्हा प्रेम का रंग बरसाए।
    तन-मन भींगे प्रेम के रंग में।
    राधामय ये संसार हो जाए।
    बहुत सुंदर भावों से सजी रचना अभिलाषा जी | यदि जीवन में यही सब हो तो दुःख का नामोनिशान मिट जाए | रंगोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई |

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