नजर-नजर की बात
नजरों ने बड़े-बड़े काम किए हैं,
कहीं मिले दिल कहीं कत्लेआम किए हैं।
नजर-नजर की बात बड़ी बात कह गई,
जुबां न कह सकी जज़्बात कह गई।
झुकी-झुकी नजर हया बन गई,
तिरछी हुई नजर तो अदा बन गई।
टेढ़ी नजर ने कई कहर ढा दिए,
कितने बसे हुए गुलशन उजाड़ दिए।
कोई एक नजर को तरसता रहा,
प्यार के लिए दिल तड़पता रहा।
पथराई नजर इंतजार करती रही,
पलकें बिछाए रास्ता देखती रही।
किसी पर नजरें मेहरबान जो हुईं,
जिंदगी खुशियों से गुलजार तो हुई।
नजर फेर कर जब चल दिया कोई,
दिल के हजार टुकड़े हुए नींद भी खोई।
होंठ जो न कह सके ,नजर कह गई,
प्यार,घृणा,दुश्मनी के बीज बो गई।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित
कहीं मिले दिल कहीं कत्लेआम किए हैं।
नजर-नजर की बात बड़ी बात कह गई,
जुबां न कह सकी जज़्बात कह गई।
झुकी-झुकी नजर हया बन गई,
तिरछी हुई नजर तो अदा बन गई।
टेढ़ी नजर ने कई कहर ढा दिए,
कितने बसे हुए गुलशन उजाड़ दिए।
कोई एक नजर को तरसता रहा,
प्यार के लिए दिल तड़पता रहा।
पथराई नजर इंतजार करती रही,
पलकें बिछाए रास्ता देखती रही।
किसी पर नजरें मेहरबान जो हुईं,
जिंदगी खुशियों से गुलजार तो हुई।
नजर फेर कर जब चल दिया कोई,
दिल के हजार टुकड़े हुए नींद भी खोई।
होंठ जो न कह सके ,नजर कह गई,
प्यार,घृणा,दुश्मनी के बीज बो गई।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित
bahut khoobsurat rachna...
जवाब देंहटाएंnajariya kam aata hai
najar badnam hoti hai
n jane kyon ye bate
zindgi me aam hoti hai
सहृदय आभार सखी नीतू
हटाएंवाह!!सखी ,बहुत सुंदर !!
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी
हटाएंनजर नजर की बात....सुन्दर सटीक ...
जवाब देंहटाएंवाह!!!
कहा जाता हैं कि सच्चे प्यार करने वाले नजर की भाषा समझ जाते हैं। यहीं हैं नजर का कमाल। होंठ जो न कह सके ,नजर कह गई...बिल्कुल सही,अभिलाषा दी।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार ज्योति
हटाएं
जवाब देंहटाएंनजर फेर कर जब चल दिया कोई,
दिल के हजार टुकड़े हुए नींद भी खोई।
जी बिल्कुल सत्य
सहृदय आभार आदरणीय
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
११ फरवरी २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
सहृदय आभार श्वेता जी
हटाएंबेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार
हटाएंहोंठ जो न कह सके ,नजर कह गई,
जवाब देंहटाएंप्यार,घृणा,दुश्मनी के बीज बो गई।
सच जो जुबा नहीं क्र पाती वो सारा काम नज़र आसानी कर जाती है बहुत खूब सादर नमन
सहृदय आभार सखी
हटाएंनजरों ने बड़े-बड़े काम किए हैं,
जवाब देंहटाएंकहीं मिले दिल कहीं कत्लेआम किए हैं।..वाह !!सखी बहुत ख़ूब
सादर
सहृदय आभार सखी ,सादर
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