कब आएगा हमें करार ?
तेरा जाना यूं अचानक,
ले गया दिल का करार।
वो कमी जो न हो पूरी,
करती बहुत है बेकरार।
हर पल तेरी यादों के साए,
दिल-दिमाग पर ऐसे छाए।
हम ढूंढते हैं सुकून के पल,
फिर दिल के हाथों जाते हार।
छोटी-छोटी खुशियां थी,
प्यार भरी होती थी तकरार।
स्मृतियों के ताने -बाने में,
तेरी हंसी की मधुर झनकार।
वक्त ने चुपके से मारी मार,
न कोई तीर न कोई तलवार।
पाषाण बना कर छोड़ दिया,
जाने कितने किए प्रहार।
बहता रहा दर्द का सोता,
दिल भी रहा फूटकर रोता।
आंखें राह देखती बैंठी,
खोता गया जीवन का करार।
जब तक न आएगा करार,
तब तक न आएगी बहार।
बीतेंगे कितने ही सावन,
हम बैठें रहेंगे सब कुछ हार।
रातें होती जाती हैं लंबी,
दिन का नहीं अब ऐतबार।
लम्हे सरके रेत के जैसे,
कब आएगा हमें करार?
अभिलाषा चौहान
स्वरचित ,मौलिक
ले गया दिल का करार।
वो कमी जो न हो पूरी,
करती बहुत है बेकरार।
हर पल तेरी यादों के साए,
दिल-दिमाग पर ऐसे छाए।
हम ढूंढते हैं सुकून के पल,
फिर दिल के हाथों जाते हार।
छोटी-छोटी खुशियां थी,
प्यार भरी होती थी तकरार।
स्मृतियों के ताने -बाने में,
तेरी हंसी की मधुर झनकार।
वक्त ने चुपके से मारी मार,
न कोई तीर न कोई तलवार।
पाषाण बना कर छोड़ दिया,
जाने कितने किए प्रहार।
बहता रहा दर्द का सोता,
दिल भी रहा फूटकर रोता।
आंखें राह देखती बैंठी,
खोता गया जीवन का करार।
जब तक न आएगा करार,
तब तक न आएगी बहार।
बीतेंगे कितने ही सावन,
हम बैठें रहेंगे सब कुछ हार।
रातें होती जाती हैं लंबी,
दिन का नहीं अब ऐतबार।
लम्हे सरके रेत के जैसे,
कब आएगा हमें करार?
अभिलाषा चौहान
स्वरचित ,मौलिक
रातें होती जाती हैं लंबी,
जवाब देंहटाएंदिन का नहीं अब ऐतबार।
लम्हे सरके रेत के जैसे,
कब आएगा हमें करार?
जी सुंदर रचना।
सहृदय आभार आदरणीय 🙏🙏
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब¡
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ।
सहृदय आभार जी,सादर
हटाएंबहुत सुंदर दिल को छू लेने वाली रचना
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार
हटाएंछोटी-छोटी खुशियां थी,
जवाब देंहटाएंप्यार भरी होती थी तकरार।
स्मृतियों के ताने -बाने में,
तेरी हंसी की मधुर झनकार।...वाह !
बहुत ख़ूब सखी
सादर
सहृदय आभार सखी,सादर
हटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंवाह.....बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सृजन