वर्ण पिरामिड-(करार)
है
मन
व्याकुल
टूटा-दिल
छिना सुकून
जिंदगी बेजार
कैसे आए करार।
*******************************
न
ढूंढों
करार
बाह्य-जग
कोई न मीत
बनता मजाक
घाव और बढ़ता।
******************************
न
आए
करार
दिल-हार
मन-चंचल
प्रेम का चातक
ढूंढ़ता स्वाति बूंद।
*******************************
वो
वीर
शहीद
खोया-लाल
स्तब्ध मां-बाप
बुत बनी पत्नी
कैसे पाएं करार।
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अभिलाषा चौहान
स्वरचित, मौलिक
मन
व्याकुल
टूटा-दिल
छिना सुकून
जिंदगी बेजार
कैसे आए करार।
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न
ढूंढों
करार
बाह्य-जग
कोई न मीत
बनता मजाक
घाव और बढ़ता।
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न
आए
करार
दिल-हार
मन-चंचल
प्रेम का चातक
ढूंढ़ता स्वाति बूंद।
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वो
वीर
शहीद
खोया-लाल
स्तब्ध मां-बाप
बुत बनी पत्नी
कैसे पाएं करार।
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अभिलाषा चौहान
स्वरचित, मौलिक
वाह !बहुत ख़ूब सखी
जवाब देंहटाएंसादर
सहृदय आभार,सखी
हटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी
हटाएंबहुत सुन्दर वर्ण पिरामिड...
जवाब देंहटाएंवाह!!!
सहृदय आभार सखी,सादर
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