आए हैं ऋतुराज वसंत
आए हैं ऋतुराज वसंत,
वसुधा मुस्काई आ गए कंत।
ओढ़ी पीली चुनरिया उसने,
फूलों के पहने हैं गहने।
वृक्षों ने नवश्रृंगार किया है,
हरीतिमा को ओढ़ लिया है।
कोयल मीठे गीत सुनाए,
भंवरे गुन-गुन करते आए।
रंग-बिरंगी तितलियां उड़ती,
कोमल कलियां हैं खिलती।
बसंत में प्रकृति हुई बासंती,
बहती बयार हुई मधुमाती।
पीत वर्णी पुष्पों की शोभा,
देख-देख मन उठता लोभा।
खुशियां लेकर आया बसंत,
प्रकृति की शोभा हुई अनंत।
शब्द सुंदरता कैसे करें वर्णन,
अनुभूति का होता स्पंदन।
मां सरस्वती की होती पूजा,
उन के सम न कोई दूजा।
ज्ञानदीप वे मन में जलाएं,
अंधकार को दूर भगाएं।
असत्य और अज्ञान मिटाएं,
जीवन-ज्योति उज्ज्वल हो जाएं।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित
वसुधा मुस्काई आ गए कंत।
ओढ़ी पीली चुनरिया उसने,
फूलों के पहने हैं गहने।
वृक्षों ने नवश्रृंगार किया है,
हरीतिमा को ओढ़ लिया है।
कोयल मीठे गीत सुनाए,
भंवरे गुन-गुन करते आए।
रंग-बिरंगी तितलियां उड़ती,
कोमल कलियां हैं खिलती।
बसंत में प्रकृति हुई बासंती,
बहती बयार हुई मधुमाती।
पीत वर्णी पुष्पों की शोभा,
देख-देख मन उठता लोभा।
खुशियां लेकर आया बसंत,
प्रकृति की शोभा हुई अनंत।
शब्द सुंदरता कैसे करें वर्णन,
अनुभूति का होता स्पंदन।
मां सरस्वती की होती पूजा,
उन के सम न कोई दूजा।
ज्ञानदीप वे मन में जलाएं,
अंधकार को दूर भगाएं।
असत्य और अज्ञान मिटाएं,
जीवन-ज्योति उज्ज्वल हो जाएं।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित
बहुत-बहुत सुंदर ...
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार
हटाएंबसंत सी मनमोहक रचना....
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी
हटाएंब्लॉग बुलेटिन टीम की और मेरी ओर से आप सब को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा पर बधाइयाँ और हार्दिक शुभकामनाएँ |
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 10/02/2019 की बुलेटिन, " बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा पर बधाइयाँ और हार्दिक शुभकामनाएँ “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
सहृदय आभार आदरणीय शिवम जी
हटाएंबहुत सुन्दर वर्णन ऋतुराज का सखी
जवाब देंहटाएंसादर
सहृदय आभार सखी
हटाएंबहुत सुन्दर अभिलाषा जी ! वसंत का मनोरम स्वागत करता हुआ एक मधुर गीत !
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय
हटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी
हटाएंसहृदय आभार आदरणीय
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