हर आहट चौंका देती है!!

हर आहट हमें चौंका देती है,
सोए दिल के दर्द जगा देती है।
ढूंढती है नजरें तेरे कदमों के निशां,
हवाएं बेरहमी से उन्हें मिटा देती हैं।

वक्त ने दबे पांव बदली करवट है,
छीन ली हमसे हमारी मुस्कराहट है।
यादों के घने जंगल से आती आहट,
बढ़ा देती हमारी छटपटाहट है।

अब तो मिलना भी तुमसे मुश्किल है,
सम्हाले सम्हलता अब नहीं दिल है।
मिल न पाएंगे ख्वाबों में भी कभी,
सोच कर होती बहुत घबराहट है।

नींद भी पास आते घबराती है,
यादें बिन बुलाए चली आती हैं।
हर आहट पर चौंक पड़ती हूं,
आंखें आंसुओं से भीग जाती हैं।

अभिलाषा चौहान

टिप्पणियाँ

  1. जुदाई के पल अक्सर इसे ही सताते हैं ... टीस उठती है माँ में ... विरह भाव लिए सुंदर रचना है ..।

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  2. नींद भी पास आते घबराती है,
    यादें बिन बुलाए चली आती हैं।
    हर आहट पर चौंक पड़ती हूं,
    आंखें आंसुओं से भीग जाती हैं।
    बेहद हृदयस्पर्शी रचना

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