नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं




आ गया नववर्ष है।
नव रंग का उत्कर्ष है,
हो सुहानी भोर नई।
बीत गई सो बीत गई,
नव स्वप्न के पल्लव बढ़े।
नव भाव के पुष्प खिलें,
जीवन को नव लय मिले।
नववर्ष में कुछ नया करें,
विगत से कुछ सीख लें।
नवसुबह को नवराग से,
नवीनता में ढाल दें।
हर ओर हर्ष ही हर्ष हो,
कम सभी के संघर्ष हो।
खुशियों का उत्कर्ष हो।
नवसंकल्पित मन हो,
मन में नव उमंग हो।
जीवन का नवोन्मेष हो,
दूर सबके क्लेश हो।

अभिलाषा चौहान

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