स्वागत है नवागत

बीत रहा ये वर्ष,
दे विषाद और हर्ष।
मिली अमिट स्मृतियां,
छिनी कुछ खुशियां।
बहुत कुछ सीखा-सिखाया,
बहुत कुछ खोया-पाया।
बन रहा है अतीत,
जिंदगी का एक वर्ष ,
और हो गया व्यतीत।
बढ़े कदम आगे,
दिल अतीत को भागे।
सरक रहा समय,
बंधी बेड़ियां पैरों में,
खींचती पीछे।
खींचतान में उलझा जीवन,
खुशियों का ओढ़ता झूठा लबादा।
लगा मुखौटा,
चिपका झूठी मुस्कान।
करने चला नववर्ष का स्वागत!!
स्वागत है नवागत ,
सबके जीवन का हो उत्कर्ष,
सबके मन में हो अब हर्ष।
जीवन में कम हो जाए संघर्ष,
खुशियां लेकर आए ये वर्ष।
सुंदर बन जाए ये नववर्ष।

अभिलाषा चौहान

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