परिवार क्या है !?

परिवार नाम है,
भावनाओं का,
प्यार,समर्पण,
त्याग, विश्वास,
सम्मान, अपनेपन का।
परिवार जहां..
खिलते सपने,
मुस्कराते अपने,
निभाते अपना दायित्व,
मोतियों की माला सम,
रहते सब एक डोर में बंधे।
इनसे रहित परिवार..!
बस समूह,
ढोता भावनाओं की लाशें!
जेल की चहारदीवारी में,
बंद कैदियों के सदृश,
थोथे स्वार्थों के लिए लड़ते!
संकीर्ण मानसिकता,
से घिरे असभ्य लोग!!
मेरा-तेरा अपना-पराया करते,
भूलकर जीवन जीना,
जीवन के लिए लड़ते!
ये लोग परिवार को,
बनाते अखाड़ा!!
रोज करते महाभारत,
खुद ही बन वकील-जज!!
एक-दूसरे पर थोपते,
अनचाहे आरोप!
इनके मन की सड़ांध!
में मर जाती जीवन की गंध।
भेंट चढ़ते रिश्ते!!
मां-बाप को नोचते-खसोटते!!
परिवार को बनाते पाकिस्तान!!
आतंक का होता वातावरण..
जहां हंसी का चंद्र!!
आतंक के बादलों में छिप जाता,
सुख का सूर्य !!
सदा के लिए अस्त हो जाता।!

अभिलाषा चौहान
स्वरचित




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