भरोसा
भरोसा जोड़ता दिल को दिल से,
हर रिश्ते की नींव यही होता है।
जिंदगी के व्यापार चलते भरोसे पर,
भरोसा हर संबंध की जान होता है।
भरोसे पर टिकी है जिंदगी सारी,
इसके बिना जीवन नर्क होता है।
कांच के समान होता है भरोसा,
जरा सी ठेस से चूर-चूर होता है।
टूटता है तो बहुत चुभन होती है,
दिल टूटता और दर्द बहुत होता है।
उठ जाता है भरोसा जिंदगी से फिर
फिर किसी पर भरोसा कहां होता है।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित
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