महिमा संदेश की

संदेश संचालित जग-जीवन,
भावों का करते हैं संचालन।
व्यथित हो या हर्षित हो मन,
संदेश ही आते सहारा वन।

संदेश विरहिणी का जीवन,
सैनिकों के लिए हैं संजीवन।
बूढ़े मां-बाप की आशा बन,
कर देते निराशा का समापन ।

महापुरूषों की अमृत वाणी,
या शहीदों की हो कुर्बानी ।
बनती प्रेरक संदेश सदा,
करती आलोकित जग है सदा।

एक छोटा-सा संदेश गलत,
जग में कर देता उथल-पुथल।
छिड़ जाते हैं युद्ध तभी
लड़ते दो समुदाय तभी ।

संदेश की महिमा सबसे अलग,
संदेश करें भावों को सजग ।

अभिलाषा चौहान
स्वरचित

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