सुनो मेरे मन मितवा

मैं थाम तुम्हारा हाथ
छोड़ कर सबका साथ
चली आई ओ मितवा
निभाना प्रीत की रीत
सदा बन मेरे मनमीत
मैं गाऊं प्रेम के गीत
सुनो ओ मितवा
देना मेरा तुम साथ
रहे हाथों में सदा हाथ
तेरी बिंदिया चमके मेरे माथ
सुनो ओ मितवा
मैं बन जाऊं धडकन
तुम बन जाओ प्राण
न रहे हमारे बीच
कोई अहम की दीवार
सुनो ओ मितवा
लिए सात वचन जो साथ
हम निभायेंगे एक साथ
करेंगे पूरे सारे फर्ज
बस इतनी सी है अर्ज
सुनो मेरे मन मितवा

अभिलाषा चौहान

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