रंग बदलती आंखें


              बचपन की आंखें

निश्छल मासूम
पवित्र द्वंद्व रहित
येआंखें
दिल को लुभाती
दुख दर्द से दूर
मासूम हंसी छलकाती
कराती ईश्वरीय सत्ता का
अहसास
बांध लेती पल में
दिल को अपने साथ

                   जवानी की आंखें

चंचल अल्हड़ रूमानियत से
भरी ये आंखें
मानो कोई झील हिलोरें लेती
डुबाने को तत्पर
जमाने को
बदल जाती है पल में इनकी
तासीर
लहराता जोश का समंदर
बदलाव की बयार
चलने लगती है
उत्साह उमंग से लबरेज
ये आंखें
डरती नही झुकती नहीं
पाना चाहती है आकाश


                अधेड़ की आंखें

चिंता में डूबी
जिंदगी की जद्दोजहद
में उलझी ये आंखें
भविष्य संवारने को आकुल
हर समय दिखती व्याकुल
जिम्मेदारियों के बोझ से दबी
कराती गंभीरता का
निदर्शन

                   वृद्ध की आंखें

अनुभवों का खजाना
ये आंखें
भरी स्नेह आशीष से
दिखाती राह आने वाली
पीढ़ी को
झेलती दंश अकेलेपन
तिरस्कार का
थोडा सा अपनापन
पाने को आकुल सदा
ये आंखें।
           
                    ये आंखें

उम्र के हर पडाव पर
रंग बदलती आंखें
जीने के ढंग का
प्रदर्शन करती आंखें
दिल की बात को
बोल देती आंखें
बन आईना चेहरे पर
चमकती आंखें  ।।।




अभिलाषा चौहान

चित्र गूगल से साभार 





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