क्षणिकाएं...........




पलक उठी
पलक झपकी
बस पल का है
जीवन

आंसू गिरे
कभी खुशी के
कभी गम के
बस इतना सा
है फसाना

प्यार हुआ
कभी सफल
कभी असफल
बस इतना सा
है अफसाना

कभी हार
कभी जीत
जिंदगी की
बस यही रीत

कभी खोया
कभी पाया
फिर भी कुछ
समझ न आया
यही है जीवन

कभी सुख
कभी दुख
कभी आशा
कभी निराशा
यही है परिवर्तन

न तो कल
न तो आज
जिंदगी तो बस
है इसी पल

कभी जन्म
कभी मृत्यु
है चलता
यह चक्र निरंतर

अभिलाषा चौहान

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