केवल पल ही सत्य है.....

अक्सर लोग भूत और भविष्य की स्मृतियों और चिंताओं में डूबे रहते हैं और वर्तमान को जीना भूल जाते हैं,वे नहीं जानते या जानकर भी नहीं जानना चाहते कि जो समय अतीत बन
चुका है, उसे पुनः नहीं जिया जा सकता। हां,  वह प्रेरणास्पद भी हो सकता है और दुखदायी भी । इसी प्रकार भविष्य को सुखद बनाने के
सभी संभव प्रयास किए जा सकते हैं किंतु सिर्फ चिंताओ से उसे सुखद नहीं बनाया जा सकता है । इस भूत-भविष्य के द्वंद्व में वर्तमान
उपेक्षित हो जाता है और वह एक पल जो सत्य है, हमारे हाथ से कब रेत के समान फिसल जाता है, हमें पता ही नहीं चलता। ईश्वर ने सबके प्रस्थान का समय निश्चित कर रखा है। पता नहीं हमें कब जीवन यात्रा को छोड़कर
अनंत यात्रा पर जाना पड जाए इसलिए पल के
महत्व को समझो और हर पल को जियो और
भरपूर जियो। यही जीवन का सत्य है ।   
                         अभिलाषा चौहान
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