सावन में पड़ गए हिंडोला....

बागन  पड़ गए हिंडोला
मेरो मन बार बार डोला

कंदब की छैंया पडो हिंडोला
कान्हा झुलावे राधे को झूला

बागन. .....

कैलास पे डारो शिव ने हिंडोला
गौरा को प्रेम से झुलावे झूला

बागन........

नारायण ने डारो वैकुण्ठ में हिंडोला
लक्ष्मी को प्रेम से झुलावे झूला

बागन ........

मैं सखी देखूं खाली हिंडोला
पिय बिन कौन झुलावे मोहे झूला

बागन.........

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