आओ मिलकर सब साथ चलें

आओ मिलकर कुछ काम करें
परिवर्तन का आगाज करें
अब सोच बदलनी ही होगी
बनना होगा रमता जोगी
अब नेह का दीप जलायेंगे
करूणा रस को बरसायेंगे
चलो वनिताओं का उद्धार करें
आबालवृद्ध का उपकार करें
अब बैठे रहने का काम नहीं
ये समय नहीं रूकने वाला
ये दर्द नहीं थमने वाला
अब करना है उपचार हमें
अब करना दूर अंधकार हमें
अब कदम से कदम मिलाना है
परिवर्तन हमको लाना है
बंधन बन जाएं  रूढि
पैरों में बंध जाए बेडी
जब राह न कोई नजर आए
उठना होगा तब हमको
परिवर्तन लाना होगा हमको
क्यों असहाय बन बैठे हम रहे
क्यों दूजे का मुंह ताकते रहे
मिल जाएं गर  हम साथ सभी
परिवर्तन का हो आगाज़ अभी
अभिलाषा चौहान



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