यात्रा को यादगार बनाना है.....

जीवन है अनवरत यात्रा
हम सब हैं यात्री
सबकी एक ही मंजिलहै
मिलन भी है और जुदाई भी
एक अमिट तन्हाई भी
हैं अपने भी और पराए भी
 कभी अपनाए गए 
कभी ठुकराए गए
फिरभी चलते जाना है
हमें गीत मिलन के गाना है
प्रेम से जीने वाले पल
बन जाते हैं सदा अमर
नफरत की बातें जीवन में
टूटी हैं सदा बन करके कहर
चलो मिलकर साथ ही चलते हैं
एक नया इतिहास ही रचते हैं
क्यों व्यर्थ  गंवाए अपना समय
जब पता ही नहीं कितना है समय
क्यों इतना सोच विचार करें
क्यों अनचाहे डर से हम डरें
जब हाथ नहीं कुछ भी अपने
तो पूरे करे क्यों न सपने
बैठे रहने का वक्त नहीं
निकल न  जाए वक्त कहीं
यात्रा पूरी होने से पहले
मन की अभिलाषा पूरी करें
सब साथ चलेंगे मिलकर गर 
पूरा होगा अच्छे से सफर
               अब साथ ही चलते जाना है  ,        यात्रा को यादगार बनाना है ।            


अभिलाषा चौहान 










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