" सागर की लहर "
मेरा हृदय प्यार का सागर है,
तुम उस सागर की उठती हुई लहर हो।
लहरों की आवाज मेरे दिल की पुकार है,
जब तुम मुझे आहत करते हो,
तो सागर में तूफान आता है
ऐसा तूफान जो कर देता है
खड़ी अहम् की दीवार...
तुम समझ नहीं पाते ,
मैं समझा नहीं पाती,
तुम और मैं के भ्रम के कारण
एक - दूसरे पर आरोप लगाते हैं।
सागर, सागर है,
लहर, लहर है ,
यही मन का भ्रम है !
क्या सागर के बिना
लहर का कोई अस्तित्व है?
नहीं, यही अटूट सत्य है..
यही अटूट सम्बन्ध है ..
जिसे समझने के बाद
जिंदगी बन जाती है,
सागर की लहर
लहरों का सागर । (अभिलाषा चौहान)
🙏🙏🙏🙏
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंसादर आभार 🙏 लोकेश जी
जवाब देंहटाएं