दीवारें......?
ये दीवारें जो
बोलती नहीं कुछ... !
सुनती हैं सब....!
सुना है कि मैंने
दीवारों के भी कान होते हैं !!
क्या वास्तव में ,
ये सच है !
या कि यूं ही,
दीवारों को बदनाम किया जाता है।
ये दीवारें.....,
जो देखती हैं रंजो-गम,
तकरार, फसाद, खुशियां,
प्यार, एतबार' औ'मातम भी,
और भी न जाने क्या - क्या ?
देती नहीं पर कभी प्रतिक्रिया ...
खड़ी रहती हैं ये
मूक दर्शक की भांति!
बनती इतिहास की साक्षी
फिर भी हैं बदनाम
कि दीवारों के भी कान होते हैं ।
पर क्या वे दीवारें नहीं दिखती ?
जो खडी की हमने
तुम्हारे - मेरे दरम्यान
बंट गई है मानवता,
जिनके कारण
जाति-धर्म, ऊंच-नीच
अपने-पराए, अपने - अपनों के बीच
बंट गए घर, रिश्ते, मां-बाप.......?
और न जाने क्या-क्या?
ये दीवारें जो दिखती नहीं....!
पर कर देती हैं अपना काम,
आहिस्ते से........ ।
खींच देती हैं लक्ष्मण रेखा,
आ जाता है अहम् , छा जाता है भ्रम!
हम बंट जाते हैं मैं-तुम में ?
कुछ नहीं दिखता
सिवा स्वसुख के.. .... ।
इन दीवारों के कारण ,
जो मजबूती से टिकी हैं,
तुम्हारे-मेरे दरम्यान .....
शायद इसीलिए
कहा जाता है कि
दीवारों के भी कान होते हैं!!!
🙏🙏🙏🙏🙏अभिलाषा🙏🙏🙏🙏
बोलती नहीं कुछ... !
सुनती हैं सब....!
सुना है कि मैंने
दीवारों के भी कान होते हैं !!
क्या वास्तव में ,
ये सच है !
या कि यूं ही,
दीवारों को बदनाम किया जाता है।
ये दीवारें.....,
जो देखती हैं रंजो-गम,
तकरार, फसाद, खुशियां,
प्यार, एतबार' औ'मातम भी,
और भी न जाने क्या - क्या ?
देती नहीं पर कभी प्रतिक्रिया ...
खड़ी रहती हैं ये
मूक दर्शक की भांति!
बनती इतिहास की साक्षी
फिर भी हैं बदनाम
कि दीवारों के भी कान होते हैं ।
पर क्या वे दीवारें नहीं दिखती ?
जो खडी की हमने
तुम्हारे - मेरे दरम्यान
बंट गई है मानवता,
जिनके कारण
जाति-धर्म, ऊंच-नीच
अपने-पराए, अपने - अपनों के बीच
बंट गए घर, रिश्ते, मां-बाप.......?
और न जाने क्या-क्या?
ये दीवारें जो दिखती नहीं....!
पर कर देती हैं अपना काम,
आहिस्ते से........ ।
खींच देती हैं लक्ष्मण रेखा,
आ जाता है अहम् , छा जाता है भ्रम!
हम बंट जाते हैं मैं-तुम में ?
कुछ नहीं दिखता
सिवा स्वसुख के.. .... ।
इन दीवारों के कारण ,
जो मजबूती से टिकी हैं,
तुम्हारे-मेरे दरम्यान .....
शायद इसीलिए
कहा जाता है कि
दीवारों के भी कान होते हैं!!!
🙏🙏🙏🙏🙏अभिलाषा🙏🙏🙏🙏
वाह बहुत खूब लिखा
जवाब देंहटाएंसच्चाई जीवन की
जवाब देंहटाएंसादर आभार
हटाएंसादर आभार लोकेश जी आप लोगों की प्रतिक्रियाएं उत्साहित करती है
जवाब देंहटाएं