बस इतनी सी बात
मौत से पहले
मौत की आहट सुन
काँपती रूहें
अधमरी
गिरती टूटती साँसे
खौफ से
काले पड़े चेहरे पर
पथराई फटी आँखें
देखती मंजर
अपने जनाजे का
जिससे दूर है काँधा
गैरों सी जिंदगी
हमनवा मौत की बन
खीसें निपोरती
पल्ला झाड़कर
दूर खड़ी
अगूँठा दिखाती
आदमी से दूर होता आदमी
आँखों में सूखे सागर को
पीता हुआ
धरती और आसमान के बीच
सूखे तिनके सा
बस जल रहा है
अपने न होने का
धुधँला अहसास
चौतरफा मार
अव्यवस्था में गेंद सा
न जाने किस-किस के
हाथों में उछलता
करता पूरा
है से था बनने का सफर
बस इतनी सी बात ??
बहुत सुन्दर।
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श्री राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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मित्रों पिछले तीन दिनों से मेरी तबियत ठीक नहीं है।
खुुद को कमरे में कैद कर रखा है।
सहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर
हटाएंरामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
आप शीघ्र स्वस्थ हों ईश्वर से यही कामना है।
वाह।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार शिवम् जी 🙏सादर
जवाब देंहटाएंहै से था बनाने का सफ़र ... बहुत मार्मिक .... हर तरफ से ऐसी ही खबरें आ रहीं ...
जवाब देंहटाएंमन में सकारात्मकता बनाए रखें .
जी आदरणीया 🙏 समय ही कुछ ऐसा है लोगों की परेशानी देखकर मन व्यथित हैं।
हटाएंआपका सहृदय आभार 🙏🌹
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2106...आँकड़ों को दबाने के आकाँक्षी हैं हम? ) पर गुरुवार 22अप्रैल 2021 को साझा की गई है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏🙏 सादर
हटाएंआदरणीया मैम,
जवाब देंहटाएंबहुत ही मार्मिक कविता आज की दुखद परिस्थिति को दर्शाते हुए। भगवान जी हम सब की प्रार्थना सुनें और इस महामारी का नाश कर दें साथ ही साथ हम सब को सद्बुद्धि दें कि हम नियमों का पालन कर अपने अप को और दूसरों को सुरक्षित रखें और इस महामारी को भगाने में सहायता करें ।
सहृदय आभार सखी 🙏🌹 सादर
हटाएंबहुत मार्मिक और हृदयस्पर्शी रचना ।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी 🙏 सादर
हटाएंमार्मिक वर्णन
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर
हटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर
हटाएंमर्मस्पर्शी सृजन
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जवाब देंहटाएंहृदयस्पर्शी सृजन सखी,परमात्मा ये विपदा हर ले बस यही प्रार्थना है, हमारी सकारात्मक सोच ही हमारी रक्षा करेगी। सादर नमन
सहृदय आभार कामिनी बहन,सभी स्वस्थ रहें प्रसन्न रहें यही कामना है। सहृदय आभार सखी 🙏 सादर
हटाएंमार्मिक लेखन आदरणीय दी।
जवाब देंहटाएंसादर
हृदय स्पर्शी यथार्थ चित्रण।
जवाब देंहटाएंबहुत सशक्त लेखन ।
सस्नेह सखी।