बस इतनी सी बात


मौत से पहले

मौत की आहट सुन

काँपती रूहें

अधमरी

गिरती टूटती साँसे

खौफ से

काले पड़े चेहरे पर

पथराई फटी आँखें

देखती मंजर

अपने जनाजे का

जिससे दूर है काँधा

गैरों सी जिंदगी

हमनवा मौत की बन

खीसें निपोरती

पल्ला झाड़कर

दूर खड़ी

अगूँठा दिखाती

आदमी से दूर होता आदमी

आँखों में सूखे सागर को

पीता हुआ

धरती और आसमान के बीच

सूखे तिनके सा

बस जल रहा है

अपने न होने का 

धुधँला अहसास

चौतरफा मार

अव्यवस्था में गेंद सा

न जाने किस-किस के

हाथों में उछलता

करता पूरा

है से था बनने का सफर

बस इतनी सी बात ??

टिप्पणियाँ

  1. बहुत सुन्दर।
    --
    श्री राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    --
    मित्रों पिछले तीन दिनों से मेरी तबियत ठीक नहीं है।
    खुुद को कमरे में कैद कर रखा है।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर
      रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
      आप शीघ्र स्वस्थ हों ईश्वर से यही कामना है।

      हटाएं
  2. सहृदय आभार शिवम् जी 🙏सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. है से था बनाने का सफ़र ... बहुत मार्मिक .... हर तरफ से ऐसी ही खबरें आ रहीं ...

    मन में सकारात्मकता बनाए रखें .

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जी आदरणीया 🙏 समय ही कुछ ऐसा है लोगों की परेशानी देखकर मन व्यथित हैं।
      आपका सहृदय आभार 🙏🌹

      हटाएं
  4. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2106...आँकड़ों को दबाने के आकाँक्षी हैं हम? ) पर गुरुवार 22अप्रैल 2021 को साझा की गई है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  5. आदरणीया मैम,
    बहुत ही मार्मिक कविता आज की दुखद परिस्थिति को दर्शाते हुए। भगवान जी हम सब की प्रार्थना सुनें और इस महामारी का नाश कर दें साथ ही साथ हम सब को सद्बुद्धि दें कि हम नियमों का पालन कर अपने अप को और दूसरों को सुरक्षित रखें और इस महामारी को भगाने में सहायता करें ।

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  6. बहुत मार्मिक और हृदयस्पर्शी रचना ।

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  7. हृदयस्पर्शी सृजन सखी,परमात्मा ये विपदा हर ले बस यही प्रार्थना है, हमारी सकारात्मक सोच ही हमारी रक्षा करेगी। सादर नमन

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    उत्तर
    1. सहृदय आभार कामिनी बहन,सभी स्वस्थ रहें प्रसन्न रहें यही कामना है। सहृदय आभार सखी 🙏 सादर

      हटाएं
  8. हृदय स्पर्शी यथार्थ चित्रण।
    बहुत सशक्त लेखन ।
    सस्नेह सखी।

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