भरते ऊँची उड़ान
कंटक पथ पर चलने वाले
भरते ऊँची उड़ान
राह रोकती खड़ी आँधियाँ
वे छूते आसमान
पाषाणों के बीच दबा ज्यों
बीज बना दुख हरता
शौर्य बड़े साहस के कारज
बीज एक लघु करता
फोड़ धरा को निकले बाहर
ये सृष्टि का वरदान
राह रोकती खड़ी आँधियाँ
वे छूते आसमान।।
अपने श्रम से लिखते रहते
नित नित नई कहानी
नाम अमर कर जाते जग में
वीर बड़े बलिदानी
मुट्ठी में संसार बसाते
रखते अपनी आन
राह रोकती खड़ी आँधियाँ
वे छूते आसमान।।
सोए हिय में आग लगादें
पत्थर करदें पानी
जग परिवर्तन की वे लिखते
नित नित नई कहानी
बीज रोपते जन के मन में
करते नित संधान
राह रोकती खड़ी आँधियाँ
वे छूते आसमान।।
अभिलाषा चौहान'सुज्ञ'
स्वरचित मौलिक
भरते ऊँची उड़ान
राह रोकती खड़ी आँधियाँ
वे छूते आसमान
पाषाणों के बीच दबा ज्यों
बीज बना दुख हरता
शौर्य बड़े साहस के कारज
बीज एक लघु करता
फोड़ धरा को निकले बाहर
ये सृष्टि का वरदान
राह रोकती खड़ी आँधियाँ
वे छूते आसमान।।
अपने श्रम से लिखते रहते
नित नित नई कहानी
नाम अमर कर जाते जग में
वीर बड़े बलिदानी
मुट्ठी में संसार बसाते
रखते अपनी आन
राह रोकती खड़ी आँधियाँ
वे छूते आसमान।।
सोए हिय में आग लगादें
पत्थर करदें पानी
जग परिवर्तन की वे लिखते
नित नित नई कहानी
बीज रोपते जन के मन में
करते नित संधान
राह रोकती खड़ी आँधियाँ
वे छूते आसमान।।
अभिलाषा चौहान'सुज्ञ'
स्वरचित मौलिक
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 20 मई 2020 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सहृदय आभार सखी 🌹🌹 सादर
हटाएंपाषाणों के बीच दबा ज्यों
जवाब देंहटाएंबीज बना दुख हरता
शौर्य बड़े साहस के कारज
बीज एक लघु करता
फोड़ धरा को निकले बाहर
ये सृष्टि का वरदान
राह रोकती खड़ी आँधियाँ
वे छूते आसमान।।
आँधियों से बेपरवाह मंजिलों को पाने वाले कर्मवीरों के समर्पित बहुत ही लाजवाब नवगीत
वाह!!!
सहृदय आभार सखी 🌹🌹 सादर
हटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏🌹 सादर
जवाब देंहटाएंवर्तमान को समेटे सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏🌹
हटाएंजग परिवर्तन की वे लिखते
जवाब देंहटाएंनित नित नई कहानी
बीज रोपते जन के मन में
करते नित संधान....सुंदर प्रेरणादायी सृजन .हलचल से लिंक मिला ...मेरी भी रचना है आज वहाँ
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएं