कुछ मन की
कल विश्व गुर्दा दिवस है।इसका उद्देश्य है लोगों में गुर्दे और गुर्दे से संबंधित बीमारियों को लेकर जागरूकता पैदा करना। ईश्वर न करे कभी किसी को गुर्दे से संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़े और यदि ऐसा हो जाए तो अपनों के जीवन को बचाने के लिए हमें गुर्दा प्रत्यारोपण से पीछे नहीं हटना चाहिए।आज के इस युग में यह तकनीक लोगों जीवन दान दे रही है,कृपया भय त्यागकर जीवन रक्षा के इस पुनीत कार्य को आगे बढ़ाएं और लोगों को जागरूक करें।मुझे जब पता चला कि मेरे पति की जीवन रक्षा अब गुर्दा प्रत्यारोपण से ही सकती है तो मैंने गुर्दा दान करना ही श्रेयस्कर समझा।यह ईश्वर की अनुकम्पा ही है कि शायद उसने मुझे इसीलिए बनाया था।सच मानिए एक माह होने को आ रहा है और मुझे कोई परेशानी नहीं है। यह सब यहाँ लिखने का मात्र एक ही उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोगों तक यह बात पहुँचे ताकि लोग जागरूक हो, नीम-हकीम के फेर में पड़कर जीवन से खिलवाड़ न करें और अपनों को और गैरों को जीवन दान देने के लिए आगे आएँ।
कोरी भावुकता में हम अपने किसी आत्मीय की मृत्यु के बाद उसके पार्थिव शरीर के किसी भी अंग का दान नहीं करते. भारत की आबादी के 1.5% आबादी के देश श्रीलंका में नेत्र-दान करने वालों की संख्या, भारत में नेत्र-दान करने वालों की संख्या से अधिक है.
जवाब देंहटाएंहमको अपनी मानसिकता को बदलना होगा. हमारे शरीर का एक गुर्दा भी हमारे जीने के के लिए पर्याप्त है जब कि हमारे द्वारा एक गुर्दे का दान किसी मरीज़ को जीवन-दान दे सकता है.
महिलाऐं हों या कि पुरुष हों, जीते जी भी किसी व्यक्ति को अथवा किसी की मृत्यु के बाद मृतक के आत्मीय जन को, अंग-दान में आगे आना चाहिए.
इस से बड़ा दान, इस से बड़ा पुण्य और कोई हो ही नहीं सकता.
Gopesh Mohan Jaswal आपकी बात सत्य है आदरणीय 🙏🙏 जागरूकता बहुत जरुरी है।आज गुर्दा प्रत्यारोपण की आवश्यकता उन मरीजों को है जो डायलिसिस की दर्दनाक प्रक्रिया से जूझ रहें हैं।मेरे पति पिछले दस सालों से गुर्दे की बीमारी से जूझ रहे थे ,अब डाक्टर ने प्रत्यारोपण की सलाह दी थी ,ऐसे में मैंने अपना एक गुर्दा दान करने का निश्चय किया। ईश्वर की असीम कृपा से सही मिलान हो गया नहीं तो उनके छोटे भाई जो कि स्वयं डाक्टर वह दान करते मुझे दोहरी खुशी मिली।कि मुझे दो-दो जिंदगियां बचाने का अवसर मिला।
हटाएंअभिलाषा दी, आप और आपके पतिदेव दोनों को ही जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ हो यही शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंअंगदान पर मेरा लेख
https://www.jyotidehliwal.com/2017/04/Andhshraddha-chhodie-angdan-ya-dehdan-kijie.html जरूर पढ़िएगा।
शुभकामनाओं के लिए सहृदय आभार प्रिय ज्योति🌹🌹😊😊 यह लेख में अवश्य पढूँगी,सादर
हटाएंगुर्दा दिवस की बधाई हो।
जवाब देंहटाएंमयंक जी वाह वाह
हटाएंभई गुर्दा दिवस की आपको भी बधाई। 🤣🤣🤣
आपकी बधाई के हृदय से आभार आदरणीय 🙏 सादर
हटाएंजिस देह में 10 रुपये का गुप्त दान महादान बन जाता है वहां अंगदान महादान कैसे हो जाएगा?
जवाब देंहटाएंमानसिकता में परिवर्तन बेहद जरूरी है। भावनाओं की दिशा बदलनी है, भावनाओं में आकर अंग जलाएं नहीं अंगों से जीवन बचाएं।
बहुत जरूरी सूचना और जानकारी।
नई रचना
सहृदय आभार रोहिताश जी, अंगदान से जीवन बचाना यदि संभव है,तो समाज में लोगों को इस ओर अग्रसर होना चाहिए।इसे मुझसे बेहतर कौन समझ सकता है।आपका
हटाएंहृदय से आभार 🙏🏼 सादर
आप और आपके पतिदेव सदैव स्वस्थ और प्रसन्न रहेंं । गुर्दा दिवस की आपको बहुत बहुत बधाई 🙏🙏
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी 🙏🌹 सादर आपकी शुभकामनाएं निस्संदेह इस लड़ाई में मेरी शक्ति बनेगी।
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" ( 2064...पीपल की पत्तियाँ झड़ गईं हैं ... ) पर गुरुवार 11 मार्च 2021 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर मेरे मन की बात सबके समक्ष रखने के लिए 🙏🙏
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंप्रिय अभिलाषा जी, जीवनसाथी के प्रति आपके इस सर्वस्व समर्पण के लिए निशब्द हूँ।। अंगदान आज की जरूरत है। तकनीक के सहयोग और अंगदान की भावना से अनगिन लोगों को का जीवन सरल हो जायेगा। अपने आत्मीय जनों को भी इस दिशा में प्रेरित करने की जरूरत है। मैं भी बच्चों को इस विषय में बताती रहती हूँ ताकि मेरे ना रहने पर व्यर्थ मोह में मेरे निष्प्राण तन का मोह त्यागकर यथासंभव उसके अंगोंको मानवता हित दान कर सकें! क्योंकि मरणोंपरांत मुर्दा खुद तो अपने अंग दान नहीं कर पायेगा। उसके लिए परिवार को ही प्रयास करना पड़ेगा। आपने भाई साहेब के लिए जो किया उसके लिये सराहना के शब्द नहीं हैं। जीवन साथी के साथ आपने अपना अनमोल अंग भी साझा कर लिया उससे बढ़कर प्रेम की मिसाल क्या होगी। आप दोनों हमेशा स्वस्थ रहें और सकुशल रहें यही दुआ और कामना करती हूँ। गुर्दा दिवस पर बहुत अच्छी जानकारी दी आपने। साधुवाद के साथ हार्दिक शुभकामनाएं और स्नेह आपके लिए🌹🌹🙏🌹
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार प्रिय रेणू बहन,आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया और शुभकामनाएं निस्संदेह मेरे जीवन के पथ को आसान बनाएंगी।आप का स्नेह पाकर हृदय गदगद हो उठा।यह सूचना ब्लाग पर साझा करने का एकमात्र उद्देश्य यही था कि हम जिस प्रक्रिया से गुजर चुके हैं अर्थात किडनी ट्रांसप्लांट से,लोग उसका महत्व जाने।हमारे नेफ्रोलॉजिस्ट की यह उम्मीद कि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को ट्रांसप्लांट के बारे में जागरूक करें ,उसे पूरा करने का यह एक मात्र प्रयास है।आजकल किडनी संबंधी बीमारियों से न जाने कितने लोग पीड़ित हैं। डायलिसिस एक उबाऊ और दर्दनाक प्रक्रिया है जो मरीज को तोड़ देती है,ऐसे में उसका जीवन सिर्फ अंगदान से बच सकता है। इसलिए परिजनों को आगे बढ़कर सहभागी बनना चाहिए ,हम एक किडनी के साथ भी पूर्ण स्वस्थ जीवन बिता सकते हैं।आपका पुनः आभार 🌹🌹🌹🌹🌹
हटाएंअपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें। एक बार फिर शुभकामनायें आपके लिए🌹🌹
हटाएंआपके स्नेह से निशब्द हूं सखी,सादर आभार 🌹🌹🌹🌹
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर लाभदायक जानकारी ।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार आदरणीय 🙏 सादर
हटाएंप्रेरक प्रसंग। अच्छा किया कि आपने इसे साझा किया। कइयों को प्रेरणा मिलेगी। लोगों में फैला भ्रम दूर होगा। बहुत बहुत धन्यवाद व साधुवाद। आप दोनों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए हृदय से शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंसहृदय आभार सखी 🙏🙏 सादर आपकी स्नेहिल शुभकामनाएं अवश्य ही मेरे जीवन पथ को सुगम बनाएगी।लोग अंगदान के महत्व को समझें,आगे आए बस इतनी सी मेरी आशा है।🌹🌹
हटाएंप्रथम तो सखी आपको एंव आपके जीवन साथी को सुचारू जीवन शैली पर यथा शीघ्र लौटने की और पूरण स्वास्थ्य लाभ की अनंत शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंआपका ये लेख भोगा हुआ सत्य है तो और भी ज्यादा असरकारक होगा समाज में विस्थापित धारणाएं बदलने में ।
बहुत उपयोगी और जागरूकता जगाता सार्थक लेख ।
पुनः शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करती हूं।
सस्नेह।
आपकी स्नेहिल शुभकामनाएं मेरे जीवन पथ को सुगम बनाएगी प्रिय सखी।अभी संकट टला नहीं है।कम से कम तीन माह एक छोटे शिशु समान देखभाल करनी है पर इतनी प्यारी सखियां जब दिल खोल कर शुभकामनाएं बरसा रहीं हैं तो निस्संदेह सब कुछ अच्छा होगा। प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार सखी 🌹🙏🌹🌹🙏🌹
हटाएंये सही है सखी अभी बहुत धैर्य से हिफाजत रखनी होगी। तीन महीने बाद भी पूरी केयर करनी होगी । ये एक हमेशा प्रतिबद्धता से रहने वाला मामला है।
हटाएंसस्नेह।
जी सखी,बारह साल निकाले इसी प्रतिबद्धता से तब जिंदगी यहां तक पहुंची,अब आगे भी प्रयास रहेगा कि जिंदगी पटरी पर सही चलती रहे।आपका आभार सस्नेह
हटाएंआदरणीय अभिलाषा जी,आपको और भाई साहब को शीघ्र अति शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हो, निरंतर भगवान से हम सभी यही प्रार्थना करते हैं, मेरी एक मित्र ने दो साल पहले अपनी छोटी बहन को किडनी दी थी, दोनो बिल्कुल स्वस्थ और जीवन के हर काम बहुत ही जोश के साथ कर रहे है, उनकी जीवन चर्या बड़े ही आराम से चल रही है बस डॉक्टर के बताए हर नियम के अनुसार
जवाब देंहटाएंउन्होंने जीवनचर्या अपनाई है, अब तो पूर्णतया नॉर्मल है, समय सारी परेशानियां दूर कर देता है, आपको मेरा सादर अभिवादन..
सहृदय आभार सखी सादर
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